जी हाँ सुनने मे तो जरूर अच्छा ना लगे पर सच्चाई यही है कि भारत की बड़ी एजेंसियां भी आज से 9 वर्ष पूर्व बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से गायब 12 वर्षीय नवरुणा का पता नहीं लगा पाई। बता दें की 17 सितंबर 2012 की रात्रि को नवरुणा का घर में सोते से अपहरण हुआ था उस समय यह मामला बहुत हाई प्रोफाइल था , बहुत ही शोर शराबे के बाद 12 जनवरी 2013 को बिहार सरकार ने इस मामले को सीआईडी के हवाले किया लगभग एक साल तक CID की जाँच का कोई नतीजा नहीं निकला तब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी परंतु आठ साल बीत जाने के बाद भी जाँच एजेंसी कुछ भी साबित करने की स्थिति मे नहीं है
सात साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी सीबीआई नवरुणा कांड का पर्दाफाश नहीं कर सकी हालांकि बीच में सीबीआई ने भूमी विवाद का बता कर नगर के कुछ रसूखदार लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर कांड का पर्दाफाश होने का दावा किया परंतु बाद में अदालत ने इन सभी को बरी कर दिया, जिसकी शायद बड़ी वजह यह भी रही की सीबीआई खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर सकी नवरुणा के पिता अतुल चक्रवर्ती को अभी भी अदालत पर पूर्ण विश्वास है और वह अदालत के आदेश की प्रतीक्षा में हैं।उनका आरोप सीबीआई पर भी है
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