नवादा के अग्निशमन विभाग मे तैनात आरक्षी जितेन्द्र अपने नवजात बच्चे के इंसाफ के लिए लगभग 12 घंटों तक नगर के अधिकारियों के बीच भटकता रहा परंतु सुबह के आठ बजे से संध्या के सात बजे तक उसकी एफ आई आर नहीं दर्ज हो सकीं।
जानकारी के मुताबिक GMCH मे अधिकतर डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आता ही रहता है इसी क्रम मे मंगलवार की अहले सुबह इस आरक्षी की पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया परन्तु एक हजार रुपये ना देने के कारण बच्चे का इलाज नहीं हुआ और नवजात की मृत्यु हो गयी ।
यही आरोप लगाते हुए आरक्षी ने कर्मियों पर एफ आई आर दर्ज कराने के लिए धरने पर बैठा परंतु ना ही अस्पताल प्रशासन ना ही वहाँ उपस्थित पुलिस पदाधिकारी ने उसकी बात सुनी उसके बाद थक हार कर पीड़ित जिलाधिकारी के आवास पर पहुंच अपनी बात कहनी चाही परंतु सात बजे तक उसकी एफ आई आर दर्ज नहीं हो सकीं थी।