*आखिर पुलिस बिना दबाब के FIR क्यों नहीं दर्ज करती*
रामनगर मे विवाहिता हत्याकांड मे पुलिस द्वारा पीड़ित परिवार के आवेदन पर एफ आई आर दर्ज नहीं करना किस मानसिकता की ओर इशारा कराता है। जैसा की मृतका के शरीर को देखने से पता चलता है की उसके गले पर ज़ख्म का निशान है उसके बाद भी पीड़ित परिवार को एफ आई आर के लिए दर दर भटकना क्यों पड़ता है।
पीड़ित परिवार को एफ आई दर्ज कराने के रामनगर से लेकर बेतिया तक परेशानी मे जुझना क्या उचित है हालांकि बगहा पुलिस अधीक्षक के आदेश पर एफ आई आर दर्ज कर जाँच की जा रही है।
परंतु जैसा की पीड़ित परिवार के द्वारा बताया गया की रामनगर पुलिस द्वारा जो व्यवहार किया गया इससे वहाँ की पुलिस की पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है क्या यह जिले मे फ्रेंडली पुलिस के दावों की पोल नहीं खोलता।