एक दिन मे सजा दुष्कर्म के मामलों मे ऐसे ही निर्णयों की जरूरत

पीड़ित का दर्द कम हो ना हो परंतु यह फैसला उसपर मरहम का काम तो जरूर करेगा ।

पॉस्को मामलो मे निर्णय मे देरी भी ऐसे अपराध के अपराधियों के मनोबल को बढ़ाते है। परंतु अररिया मे पॉस्को के मामले की सुनवाई करते हुये न्यायधीश शशिकांत राय द्वारा एक दिन में ही सुनवाई पूरी कर अभियुक्तों को अंतिम सांस तक सश्रम करावास की सजा अति सराहनीय है।

न्यायधीश ने पुलिस द्वारा समर्पित अंतिम रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए सभी न्याय प्रक्रिया का पालन करते हुए एक ही दिन में अभियुक्तों को सजा सुना कर न्याय में देरी ना हो और लोगों के मन में कानून के प्रति विश्वास को कायम रखा।
आपको बता दे की घटना के तीन महीनों के भीतर मामले के निष्पादन से पीड़ित परिवार में संतोष है, हालाँकि इससे पीड़ित का दर्द कम हो ना हो परंतु यह फैसला उसपर मरहम का काम तो जरूर करेगा ।
न्यायधीश शशिकांत राय ने यह फैसला एक दिन मे सुनाकर एक सराहनीय पहल की है और ऐसे जघन्य मामलों मे जल्द से जल्द फैसले से शायद अपराधियों के मन मे कुछ डर का माहौल पैदा करे।
आपकों बता दे यह फैसला कोई पहला फैसला नहीं है ,इसके पुर्व भी न्यायधीश शशिकांत राय ने इकहत्तर दिनों मे फैसला सुनाकर अभियुक्तों को सजा दिला चुके है ।

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