पश्चिम चंपारण मे गन्ना क्रशर को अवैध रूप से चलवाने का दोषी कौन जनप्रतिनिधियाअधिकारी
बेतिया जिला कृषि आधारित होने के साथ साथ गन्ने की उपलब्धता बहुतायत होने के कारण यहां चीनी मिलों की संख्या बिहार के सभी जिलों मे सबसे ज्यादा है। यहां के किसानों के बीच गन्ना नकदी फसल के रूप में जाना जाता है और बहुतायत किसान गन्ना की खेती करते है परंतु सरकार और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के वजह से यहां पर गन्ना किसानों का शोषण होता आ रहा है। जानकारी के अनुसार जिले में बहुत से गन्ना क्रशर काम करते थे जिससे यहाँ गुड़ का व्यावसाय काफी फल फूल रहा था परंतु ना जाने किस वजह से सरकार ने अनुज्ञप्ति निर्गत करना बंद कर दिया जिसके कारण से अधिकारियों द्वारा अवैध के नाम पर इनका शोषण किया जाता है वर्षों से जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण गन्ना किसानो का शोषण होता आया है इस सम्बंध मे जब चनपटिया के विधायक उमाकांत सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो वह भी इस मुद्दे पर अपना सही पक्ष रखने में सक्षम नहीं हो पाये एक और जहां उन्होंने क्रशर को किसानों के हित में बताया वही किसानों को क्रशर का लाइसेंस नहीं दिए जाने और अधिकारियों द्वारा उसी आधार पर शोषण किए जाने के मुद्दे पर वह कुछ भी करने में असमर्थ दिखे । जबकि माननीय विधायक की बातों मे कहीं भी ऐसा नहीं लगा की गन्ना क्रशर मालिकों के हित मे किसी प्रकार की आवाज उठाने की कोशिश होनी चाहिये
आख़िर चंपारण के किसानों को गन्ना क्रशर की अनुज्ञप्ति ना देकर किसका भला करने की कोशिश की जा रही है इस सम्बंध मे कोई भी जनप्रतिनिधि आखिर क्यों नहीं आवाज उठाने की कोशिश की जा रही यह बहुत ही शोचनीय विषय है