हालांकि सरकार कहती है कि डीजल पेट्रोल और गैस के दाम कंपनियों द्वारा तय होते है पर क्या आदेश सरकार देती है ऐसा इसलिए सोचना पड़ता है क्यूँकी पिछ्ले चार महीने से चुनाव लेकर दाम नहीं बढ़ाये जाना ये बताता है कि कंपनियां तो सिर्फ मोहरा है असली आदेश तो सरकार ही देती है अब जैसे ही सरकार का गठन पूरा हुआ पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने शुरू हो गये है