पश्चिम चंपारण शुरू से ही भाजपा का गढ़ माना जाता है और बिहार में सरकार भी भाजपा जदयू गठबंधन की ही है ऐसी स्थिति में पश्चिम चंपारण से भाजपा जदयू गठबंधन के उम्मीदवार राजेश राम की बुरी तरह से हार कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा करती है चुनाव पूर्व जो कयास लगाए जा रहे थे की भाजपा के लोगों का इंजीनियर सौरभ कुमार के प्रति समर्थन है इस दावे को एमएलसी के चुनाव के परिणामों ने साबित कर दिया भाजपा जदयू गठबंधन के उम्मीदवार की हार की मुख्य वजह भाजपा के लोगों का जदयू उम्मीदवार को समर्थन ना करना बताया जा रहा है हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है परंतु परिणाम साफ साफ इशारा करते हैं कि जिले में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री के रहते भाजपा जदयू उम्मीदवार की स्थिति इतनी बुरी क्यों हुई जबकि चंपारण शुरू से भाजपा का गढ़ माना जाता है