बेतिया मे खाद की कालाबाजारी चरम पर है। अगर अधिकारियों की बात का विश्वास करे तो जिले का हर विभाग भ्रस्टाचार मुक्त है परंतु असलियत कुछ और है। अधिकारियों कि कुंभकर्णी नींद का नुकसान जिले के किसानों को उठाना पड़ रहा है
आज हम बात करेंगे जिसे के किसानो की हर बार अधिकारियों के दावे होते है खाद की दिक्कत नहीं होगी, कालाबाजारी नहीं होगी परंतु अगर वास्तविकता पर ध्यान दिया जाये तो पूरी स्थिति इससे उल्टी है अभी खेती का मौसम शुरू नहीं हुआ पहले ही यूरिया के दामों ने उछाल मारना शुरू कर दिया है । किसानों को यूरिया 300 से 350 रुपये प्रति बोरा मिल रहा है और इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों की नींद ही नहीं खुल रही।
अगर खुदरा दुकानदारों की बात का विश्वास करे तो उन्हें ही यूरिया 290 से 300 रुपये तक की दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस सम्बंध मे जब प्रखंड कृषि पदाधिकारी से फोन पर सम्पर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने रटंत जवाब दे दिया कि जाँच की जायेगी।