जी हाँ जिले के खनन पदाधिकारी की वजह से जिले को प्रति वर्ष करोड़ों के राजस्व को नुकसान हो रहा है अब यह जाँच का विषय है कि अधिकारियों द्वारा यह नुकसान जान बुझ कर पहुँचाया जा रहा है उनकी लापरवाही से जिले को करोड़ों के राजस्व को नुकसान पहुँच रहा है
हालांकि जितने बड़े स्तर पर और खुलेआम बालू के राजस्व की चोरी की जा रही है उससे ऐसा लगता है की बालू के इस अवैध व्यापार को एक बड़े गिरोह द्वारा संगठित रूप से चलाया जा रहा है और हो ना हो इस गिरोह द्वारा जिले के अधिकारियों को भी अपने मेल मे लिया हो जिस वजह से ये अधिकारी अपनी आँखों को बंद कर रखा गया है।
अगर ऐसा ना होता तो प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या मे अवैध बालू से भरे हुये ट्रक जिले की सीमा के भीतर खुले रूप से बेरोकटोक विचरण करते नजर नहीं आते ।
अगर इन ट्रक वालों से सवाल किया जाता है तो उनके द्वारा बताया जाता है की सब पूरी तरह से मैनेज है किस तरह मैनेज है इस सम्बंध मे ज्यादा कुछ बोलने से बचते रहे। कुछ वाहन चालकों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया की सारा खेल पासिंग के नाम पर होता है कुछ संगठित लोग या ऐसा कहे गिरोह जो एक ट्रक से निश्चित रकम लेकर प्रस्थान से लेकर गंतव्य तक की जवाबदेही लेता है। हालांकि उनके द्वारा उपलब्ध नंबरों पर कॉल करने पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।
बालू के इस अवैध खेल मे कहीं ना कहीं खनन अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है क्यूँकी सभी ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाई की जवाबदेही खनन के साथ-साथ डी टी ओ और पुलिस की भी है और दोनों ही विभाग इस और से अनजान बने दिखते है जबकी बालू से लदे अधिकांश ट्रक ओवरलोड ही होते है परंतु ना जाने वो कौन सी वजह है जिसके कारण इन विभागों द्वारा किसी भी तरह की कोई कार्यवाई नहीं की जाती