क्या जिले मे भ्रस्टाचार को बढ़ावा देते है सरकारी विभाग

जी हाँ जब वर्त्तमान प्रधानमंत्री ने जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो साफ़ साफ़ शब्दों मे कहाँ की किसी भी जगह फ़ाइल नहीं रुकेगी क्यूँकी फ़ाइल का रुकना कहीं ना कहीं भ्रस्टाचार की ओर इशारा कराता है।
परंतु उनके विचारो के विपरित जिला निर्वाची पदाधिकारी द्वारा पंचायत चुनावों में जीन लोगों ने सरकार को जरूरी सामानों की आपूर्ति की उन आपूर्तिकर्ताओं मे से कुछ आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करने मे देरी कहीं ना कहीं विभागीय भ्रस्टाचार की ओर इशारा करती है


वही सूत्रों की बात का विश्वास करे तो कुछ आपूर्तिकर्ताओं का भुगतान तीन-चार महीने पुर्व मे ही कर दिया गया है। अब जिला पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा ऐसा क्यों किया गया यह विषय शोचनीय है जबकी पंचायतीराज पदाधिकारी द्वारा अक्सर ये बताया जाता रहा है की फाइल जिलाधिकारी द्वारा रोकी गई है परंतु जब जिलाधिकारी महोदय से दूरभाष पर सम्पर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने साफ़ शब्दों मे इससे इंकार किया और कहा की अगर ऐसा है तो वो अधिकारी गलत कह रहे है

अब बड़ा सवाल यह उठता है की आखिर वो कौन सी वजह है जिस कारण कुछ आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान विभागीय अधिकारियों द्वारा लंबित कर रखा गया है और इसके पीछे उन अधिकारियों की मंशा क्या है। कार्यालय सूत्रों द्वारा नाम ना छापने की शर्त पर बताया की विभाग द्वारा वैसे छोटे आपूर्तिकर्ताओं के भुगतान मे भारी भरकम रकम की कटौती कर भुगतान की जायेगी जो विभागीय अधिकारियों की आंखों मे पसंदीदा जगह नहीं बना पायेंगे।

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