ज़िले मे भ्रष्टाचार है पर अधिकारियों को दिखाई नहीं देता का तीसरा अंक

पहले के दो अंकों मे हमने दिखाया की कैसे जिले के सरकारी विभागों मे भ्रष्टाचार फैला है पर जिले के बड़े अधिकारी जिनपर इसके रोकथाम की जवाबदेही है वो ना जाने किस वजह से अपनी आंखे बंद कर लेते है हालाँकि वज़ह भी हर कोई जानता है परंतु कहना कोई नहीं चाह्ता।
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आखिर ज़िले मे फैला भ्रस्टाचार जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों नहीं दिखाई देता-1

आखिर ज़िले मे फैला भ्रष्टाचार जिलाधिकारी को क्यों नहीं दिखाई देता दूसरा अंक

आज के अंक मे हम आपको अधिकारियों के नजरों के सामने होने वाले ऐसे भ्रष्टाचार से रूबरू करायेंगे जिसमें जिले के बड़े अधिकारियों की नजरों के सामने प्रतिवर्ष करोडों की लूट की जाती है परन्तु सब कुछ नजरों के सामने रहने के बाद भी अधिकारियों द्वारा करोडों के राजस्व को लूट जाने दिया जाता है और इस सम्बंध मे कोई कार्यवाही नहीं की जाती शायद इसकी सिर्फ एक वजह है ( “लूट मे सबका हिस्सा बराबर का “)।

जी हाँ हम बात कर रहे है बालु उद्योग की बेतिया शहर मे बालू मे प्रतिदिन राजस्व की लाखों की चोरी होती है । बालू के राजस्व से जिले को प्रतिदिन लाखों का नुकसान कराने मे मुख्य रूप जिला खनन पदाधिकारी समेत राजस्व पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध है और ऐसा संभव नहीं है की इस करोडों की लूट मे किसी एक या दो व्यक्ति शामिल है ब्लकि ऐसे अपराध भ्रष्ट अधिकारियों के मेल मिलाप से कुछ लोगों द्वारा अंजाम दिया जाता है ऐसा नहीं प्रतीत होता की जिले के सर्वोच्च अधिकारियों को इसकी खबर नहीं है परंतु उनके चुप होने की वजह समझ पाना बिल्कुल आसान है और खनन पदाधिकारी के लिये तो कुछ कहने की जरूरत नहीं। हालाँकि कुछ लोगों द्वारा बताया जाता है की प्रति ट्रक एक निश्चित रकम अधिकारी द्वारा ली जाती है और इस एवज़ मे बालू लादे हुये वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती हालाँकि रिश्वत का कोई सबूत नहीं है इसीलिए इस बात पर विश्वास नहीं किया जाता पर कार्यवाही नहीं होना अधिकारियों को संदेह मे डालता है। बाकी सच्चाई का पता तो सक्षम पदाधिकारी जाँच कर सामने ला सकते है।

जिले मे भ्रष्टाचार है पर दिखाई नहीं देता के अगले अंक मे एक नई भ्रष्टाचार की कहानी के साथ

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