बेतिया नगर निगम चुनावों मे महापौर और उपमहापौर दोनों के ही महिलाओं के लिये आरक्षित होने की आशंका ( घोषणा) होने के साथ ही भावी प्रत्याशियों के बीच गहमा-गहमी शुरू हो गई है। महीनों से इस पद के लिये अपनी जोर आजमाई कर रहे प्रत्याशियों को अपने परिवारजनों के नाम मेहनत से पुनः शुरुआत से करने की बात सोची जा रही हैं। जबकी वैसी महिला प्रत्याशी जो की खुद अपने बलबूते जनता के बीच अपनी पहचान बनाये हुये थी उनके लिये यह सुनहरा मौका है ।
सरकार द्वारा महिला आरक्षण का लाभ भी तभी होगा जब जनता वैसे महिला प्रत्याशी को अपना नेता चुने खुद स्वावलंबी हो और जनप्रतिनिधि/जनसेवा के कार्यो में सिर्फ अपने परिवारजनों के माध्यम से कार्य ना करे बल्कि खुद अपनी पहचान बनाने में सक्षम ना हो।