बेतिया मे दुष्कर्म का कारण बनी सरकारी योजनाओं के प्रति जिले के अधिकारियों की उदासीनता

                  जी हाँ सुनने मे बड़ा अजीब लगेगा परंतु यह सच्चाई है भारत के प्रधानमंत्री लगातार कहते आ रहे है घर मे शौचालयों का निर्माण करवाये। सरकार की कई योजनाएं ऐसी हैं जिसके अंतर्गत हर घर में शौचालय बनाना सुनिश्चित कराया जा सकता है। जहां पर घर में शौचालय नहीं है या अन्य कोई वजह से नहीं बन सकता वहां सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था हर ग्राम पंचायत प्रखंड स्तर पर सरकार द्वारा की गई है । पर अधिकारियों की अनदेखी और आम जनता की नासमझी के वजह से यह योजना धरातल पर उतरने में नाकामयाब साबित हुई है। जिस कारण आज भी लोगों को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता है।  बहुत सी जगह ऐसे हैं जहां जनता भी इसके प्रति जागरूक नहीं है अगर घर में भी शौचालय की सुविधा होने के बावजूद भी लोग खुले में शौच करना पसंद करते हैं । जिले के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में अगर आप संध्या भ्रमण करेंगे या दिन मे ही देखेंगे तो गांव के बाहर सड़क के किनारे मानव शौच की लंबी कतार लगी रहती है आखिर इसकी क्या वजह है।  बुधवार की सुबह मुफस्सिल थाना क्षेत्र क्षेत्र में एक 14 वर्षीय बालिका जब शौच के लिए गई थी तो उसके साथ कुछ दरिंदों ने दरिंदगी दिखाई। आखिर कहीं ना कहीं यह इस बात की ओर इशारा करता है कि अगर बालिका घर में बने  शौचालय मे गई होती तो शायद यह घटना ना घटती । हालांकि इस दरिंदगी के लिए सिर्फ शौचालय को दोषी नहीं बनाया जा सकता, फिर भी कहीं ना कहीं एक बहुत बड़ा कारण यह है कि शौचालय नहीं होने की वजह से वह युवती घर से बाहर शौचालय के लिये गई जहां दरिंदों ने इस घटना को अंजाम दिया।  अगर पिछले 9 वर्षों में माननीय प्रधानमंत्री जी हर घर शौचालय योजना को जनता और अधिकारियों ने मिलकर अमलीजामा पहनाया होता तो शायद ऐसी घटनाओं में कमी आ सकती थी।

   हालाँकि दुष्कर्म जैसी घटना की सोच या अंजाम देने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं सकता और ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने की माँग अक्सर उठाई जाती रही है जो शायद इस सामाजिक बुराई को रोकने में कारगर उपाय साबित हो

 

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