प्रशांत किशोर की पदयात्रा और इस यात्रा का क्षेत्र की जनता पर प्रभाव

प्रशांत किशोर आज के दिन राजनीति में किसी परिचय को मोहताज नहीं है हालाँकि इन्होंने लगभग हर तरह के नेताओ के साथ काम किया है, इसीलिये ऐसा माना जा सकता है की इन्हें वर्तमान राजनीति की अच्छी पहचान है।

वर्तमान मे प्रशांत किशोर बिहार की पदयात्रा पर है,इस पदयात्रा के दौरान उनका लक्ष्य है कि वो हर गाँव, हर वर्ग, हर जाती के लोगों से मिल कर उनके विचारो को जानना की जनता की उम्मीद क्या कहती है क्या है । उनकी मुख्य जरूरतें ताकि भविष्य में ऐसी नीतियाँ बनायी जाये जो जनता चाहती है ना कि सरकारों और उनके ब्यूरोक्रेट द्वारा बनायी गयी नीतियों को जनता के ऊपर थोपा जाय ।

उनकी यात्रा 2 अक्टूबर से शुरू हुई और जनमानस उत्साहपूर्वक उनके साथ जुड़ता गया। जहाँ भी वो गये लोगों ने उत्साहपूर्वक उनका स्वागत किया, यहाँ तक की जब वो अपने शिविर में रहते तो सभी तरह के जनप्रतिनिधियों द्वारा उनसे मुलाकात करते रहे।

उनके यात्रा के दस दिन बीत जाने के बाद हमने जब गौनाहा, दोमठ ,धमौरा, डुमरिया ,जमुनीया सुभद्रा, बाजरा, दम्रापुर आदी क्षेत्रों का दौरा किया और जानना चाहा की आखिर प्रशांत किशोर के लिये इस क्षेत्र की जनता क्या विचार रखती है। हमने पाया की अपनी यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने इस क्षेत्र के लोगों में एक आशा जागृत की है , की वो एक ऐसी सरकार लाने का प्रयास करेंगे जो वास्तविक रूप मे जनता की सरकार होगी । हालाँकि प्रशांत किशोर अभी किसी राजनीतिक दल की बातें नहीं कह रहे है परन्तु उनके विचारों से एक बड़ा वर्ग प्रभावित है वो चाहते है कि प्रशांत किशोर बिहार मे सत्ता के शीर्ष तक पहुँचे ।

मतलब साफ़ है की लोगों के ऊपर प्रशांत किशोर का जादू चल चुका है , जनता उन्हें अपना नेता मानने को तैयार बैठी है । और ऐसा लगता है कि भविष्य में बिहार की राजनीति की दिशा तय करने में प्रशांत किशोर की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

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