शुक्रवार को हुए चिमनी ब्लास्ट में पाँच लोगों के मारे जाने की आशंका के बाद वहां डिजीलर्न जिला खनन पदाधिकारी ने इशारों ही इशारों में अपना पल्ला झाड़ते हुए इस विस्फोट के लिए पर्यावरण विभाग को जिम्मेदार ठहराया उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कोयले का दाम ज्यादा होने के कारण सिवनी मालिक द्वारा लकड़ी टायर एवं अन्य उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है जिस कारण ज्यादा गैस बनने से चिमनी ब्लास्ट जैसी घटनाएं होती है
आपको बता दें की शुक्रवार को पूर्वी चंपारण के रामगढ़वा प्रखंड के नरीरगिर में चिमनी ब्लास्ट से पाँच लोगों की मौत हो गई। वहीं, इस घटना में करीब दर्जनभर से अधिक लोग घायल हो गए। इतनी बड़ी घटना के बाद क्षेत्र में कोहराम मचा हुआ है। सभी घायलों को अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार आमोदेई निवासी मो. इरशाद का चिमनी ईंट भट्ठा है जिसमे शुक्रवार को आग लगाई गई उसके कुछ देर बाद ही चिमनी का ऊपर का हिस्सा ब्लास्ट कर गया जिससे वहां मौजूद दर्जनों लोग बुरी तरह घायल हो गए। आनन-फानन में उन्हें उपचार के लिए रक्सौल के निजी अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने पांच लोगों को मृत घोषित कर दिया।