वाल्मीकिनगर पश्चिमी चम्पारण ज़िले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और पर्यटन की दृष्टि से बिहार के मानचित्र पर विशेष पहचान रखता है।यह पार्क उत्तर में नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में गंडक नदी से घिरा हुआ है। यहां पर आप बाघ, स्लॉथ बीयर, भेडिए, हिरण, सीरो, चीते, अजगर, पीफोल, चीतल, सांभर, नील गाय, हाइना, भारतीय सीवेट, जंगली बिल्लियां, हॉग डीयर, जंगली कुत्ते, एक सींग वाले राइनोसिरोस तथा भारतीय भैंसे कभी कभार चितवन से चलकर वाल्मीकि नगर में आ जाते हैं।
परन्तु यहाँ आने वाले पर्यटकों को अक्सर नेटवर्क की असुविधा से दो चार होना पड़ता है। इसी सन्दर्भ में वाल्मीकिनगर के रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि सैलानियों के सुविधा के लिए विभिन्न जगहों पर कुल 42 वाई फाई लगाए जा रहे है । इन वाई फाई लगाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को नेटवर्क की होने वाली सुविधा को खत्म करना है।
उन्होंने जानकारी देते हुये बताया कि इन सभी वाई फाई को ऐसी जगह लगाया जा रहा है जहाँ सैलानियों को नेटवर्क की ज्यादा जरूरत होती है जैसे हाथी शाला ,गंडक सफारी नौका यान ,गोलघर , गेस्ट हाउस , जंगल कैम्प ,वाल्मीकि विहार गेस्ट हाउस ,एपीसी कवलेश्वर ,कवलेश्वर झूला ,इको पार्क जैसे जगह पर लगाया जाएगा। इन जगहों पर पर्यटकों को नेटवर्क की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।