नेदुमारन का दावा LTTE चीफ वेलुपिल्लई प्रभाकरन और उसका परिवार सुरक्षित

           एलटीटीई लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के नाम से करीब 30 साल तक अपने आतंक और तत्परता से जाने वाले और भारत के प्रधानमंत्री के हत्यारे प्रभाकरन के जिंदा होने की बात पूर्व कांग्रेस नेता और विश्व तमिल महासंघ के अध्यक्ष पाजा नेदुमारन ने कही है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका परिवार भी सुरक्षित है। और उनके संपर्क में है। पाजा नेदुमारन के अनुसार जल्द ही प्रभाकरण आपके सामने आएगा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार द्वारा डीएनए टेस्ट के बाद यह निश्चित कर दिया जाता है कि उसे दिया गया प्रभाकरण ही है तो सौतेले भाई के दावे का मतलब क्या है। हालांकि श्रीलंका के सैन्य कमांडर जनरल सरथ फोंसेका ने आरोप लगाया कि उसने 2009 में श्रीलंका के सैन्य विजय के बाद श्रीलंका से किसी विदेश में भाग लिया था।

                       प्रभाकरण के बारे में कहा गया कि वह बहुत ही जीवट दुर्घटना का चेहरा था जो एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या, श्रीलंका के एक और राष्ट्रपति की हत्या का प्रयास, सैकड़ों राजनीतिक हत्याएं, पचीसियों के आत्मघाती हमले, हजारों लोगों और छोड़ने की मौत के लिए जिम्मेदार था। इसलिए एक बात तो आंख का मौन कर सकती है कि वो निहायत ही ख़तरनाक व्यक्ति था जिसमें जीवट की कमी नहीं थी।

               अब आगे देखें कि नेदुमारन के सारे सच क्या हैं। आपको बता दे कि प्रभाकरण 18 मई 2009 में श्रीलंका सरकार द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था। श्री लंका सरकार के अनुसार प्रभाकरण उस समय मारा गया जब देश के उत्तरी हिस्से में श्रीलंकाई सैनिक उन्हें पकड़कर रखने की कोशिश कर रहे थे। अगले दिन उनका श्रीलंकाई मीडिया दिखाया गया था और एक हफ्ते बाद तमिल टाइगर के प्रवक्ता सेलारासा पथमनाथन ने इस बात की भी पुष्टि की थी कि प्रभाकरन 17 मई को मारे गए थे। दो हफ्ते बाद डीएनए परीक्षण की पुष्टि हुई कि प्रभाकरन और उनके बेटे एंथनी चार्ल्स की मौत हो गई है।

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