बेतिया के एतिहासिक सागर पोखरा में वर्षो से नाली का पानी गिरने से पोखर का पानी गंदे नाले में परिवर्तित हो गया है । पोखरे में लंबे समय से नाले का पानी गिराया जाता रहा है जिससे यह पोखरा नाले के गंदे पानी से भर गया है। आपको बता दे कि लंबे समय से नगर निगम के अधिकारियों द्वारा हिन्दू आस्थाओं से खिलवाड़ किया जाता रहा है और किसी भी जनप्रतिनिधियों ने इस संबंध में किसी तरह की आवाज नहीं उठाई है।कितने ही जनप्रतिनिधियों ने सागर पोखरा जैसे ऐतिहासिक तालाब को सिर्फ सुन्दर बनाने के लिये करोड़ों रुपये बहा दिये परन्तु सागर पोखरा में नगर के नालों से आने वाले जल पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। सालों साल से नगर की माता बहने और आम लोग इसी नगर निगम के गंदे जल में आस्थाओं के साथ छठ जैसे पर्वों को मनाते आये हैं। लेकिन पहली बार रमन गुप्ता ने इस विषय पर आवाज उठाकर ये उम्मीद जगायी है की आने वाले दिनों में हमारी मातायें बहने साफ़ सुथरे तालाबों में आस्था पूर्वक अपने त्योहारों को मना सकेंगी।
पावन पवित्र बेतिया के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिये उपमहापौर गायत्री देवी के पुत्र और विश्व हिन्दू परिषद के रमण गुप्ता को नगर के विभिन्न जलाशयों में गंदे जल की प्रवाह की जानकारी प्राप्त हुई तब उन्होंने जल संसाधन विभाग से इसकी शिकायत की जिसका संज्ञान लेते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा आज सागर पोखरा समेत तीन पोखर के जल के नमूने को संग्रहित किया गया है।
इस जल के नमूनों के संग्रहण के साथ ही विभाग इसकी गुणवत्ता की जांच कर उचित कार्रवाई करेगा। इस संबंध में विश्व हिन्दू परिषद के जिला मंत्री व उपमहापौर के प्रतिनिधि रमण गुप्ता ने बताया कि पावन पवित्र बेतिया के संकल्प के तहत नगर के सभी ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और पवित्रता बनाये रखने के लिए हर संभव कोशिश की जायेगी। इस संबंध में मेरे द्वारा अक्सर कार्यवाही की जाती है और भविष्य में भी धार्मिक स्थलों की पवित्रता बरकरार रखने के लिए उचित कार्रवाई होती रहेगी।