गन्ना पेराई सत्र 2022 -23 में मझौलिया शुगर इंडस्ट्रीज ने लक्ष्य से सात लाख अधिक गन्ना की पेराई की

 

              मझौलिया शुगर इंडस्ट्रीज ने 107 दिनों के पेराई सत्र के दौरान 51.75 लाख क्विंटलगन्ना की पेराई कर कीर्तिमान बनाया। रविबार के दिन GM केन डॉ. जयप्रकाश त्रिपाठी, GM इंजीनियरिंग संतोष कुमार तथा DGM यू एन राय तथा विभागीय कर्मियों ने डोंगा, कांटा और बैताल बाबा मंदिर परिसर में नारियल फोड़कर सत्र 2022-23 का समापन किया। मौके पर मौजूद किसानों और कर्मियों को लड्डू खिलाकर मुंह मीठा किया गया। इस अवसर पर बोलते हुये GM केन ने कहा कि किसानों के परस्पर सहयोग के बदौलत इस बार चीनी मिल ने अपने निर्धारित 45 लाख क्विंटल से 07 लाख अधिक गन्ने की पेराई की।उन्होंने जीएम इंजीनियरिंग को नन स्टॉपेज पेराई के लिये सराहना की। डिप्टी जीएम कमर्शियल यू एन राय ने कहा कि टीम वर्क की बदौलत सुचारू रूप से गन्ना पेराई सम्पन्न हुआ।वरीय मैनेजर एच आर मैनेजर ने कहा कि पेराई सत्र के दौरान कोई खतरा नही हुआ।कारखाना में दुर्घटना शून्य होना बड़ी बात है। पेराई सत्र के समापन से मझौलिया में चहल पहल में कमी आयी है।मौके पर जीएम प्रोडक्शन सर्वेश कुमार दुबे, चीफ केन मैनेजर अखिलेश कुमार सिंह, सुधीर कुमार सिंह, राजेश कुमार,प्रभात कुमार तिवारी,राकेश चंद्र त्रिपाठी,के.के ठाकुर ,जय शंकर मिश्रा आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

          आपको बता दे कि चंपारण में चीनी मिलों की संख्या बिहार मे सबसे ज्यादा है जिसकी मुख्य वजह चंपारण में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और चंपारण के किसानो की आय का बड़ा साधन चीनी मिलें है। अगर आंकड़ों पर गौर करे तो इसी चीनी मिल ने पेराई सत्र 2018-19 में 64.51 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई की थी।अगर आकड़ों पर गौर करे तो आकड़े उत्साहपूर्ण नहीं रहे है पर इस सत्र में किसी प्रकार की दुर्घटना ना होना मिल प्रबंधन के लिये सुखद रही है।

              हालाँकि राज्य में चीनी मिलों की हालत दयनीय है जिसकी मुख्य वजह कहीं ना कहीं सरकारी उदासीनता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अस्सी के दशक की शुरुआत में बिहार देश के कुल चीनी उत्पादन में 28 प्रतिशत का योगदान देता था। इसका वर्तमान योगदान घटकर लगभग मात्र 2.5 प्रतिशत रह गया है। एक समय था जब बिहार में चीनी मिलों की संख्या 35 थी जो अब घटकर केवल 11 रह गई है जिसमें से छह मिल सिर्फ चंपारण मे है। वर्तमान मे चालू चीनी मिल निम्न है- बगहा, हरिनगर, नरकटियागंज, मझौलिया, सासामुसा, गोपालगंज, सिधवलिया, हसनपुर, लौरिया और सुगौली में हैं।

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