एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि 3 मार्च को बरियातू थाना क्षेत्र के शौर्य के अपहरण और उसके बाद हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया गया है। उन्होंने बताया कि अपहरण की सूचना के बाद सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार के नेतृत्व में टीम बनाई गई। कुछ दिन बाद नगड़ी के लालगुटवा से बच्चे का शव मिला। इसके बाद कॉल डंप व सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संजू को दबोचा गया। उसके पास से अपहरण में इस्तेमाल की गई कार व फर्जी नंबर प्लेट भी जब्त की गई है। पूछताछ में आरोपी ने जुर्म स्वीकार किया है। हत्यारा संजू शौर्य के पिता राजू गोप के एदालहातू स्थित घर में किरायेदार था ।एसएसपी ने बताया कि आरोपी संजू पर काफी कर्ज था। संजू बेंगलुरु में नौकरी करता था। लेकिन कोरोनाकाल में उसकी नौकरी छूट गई। वहां से वह रांची आ गया और पुंदाग में रहने लगा। उसने शादी, हनीमून और गाड़ी खरीदने के लिए दोस्तों व बैंक से कर्ज लिया था। बाद में लोग पैसे मांगने लगे। इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने शौर्य के अपहरण की साजिश रची और करीब 15-20 लाख रुपए फिरौती लेने की फिराक में था।
अपहरण की साजिश को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए पैसों की जरूरत थी जिसके लिये सबसे पहले संजू ने अपनी बाइक को गिरवी रखकर 17 सौ रुपये प्रति दिन के हिसाब से कार किराये पर ली और फिर फर्जी नंबर प्लेट लगा कर घटना को अंजाम दिया।
एसएसपी के अनुसार आरोपी संजू उर्फ संजीव पांडा पर काफी कर्ज था। संजू बेंगलुरु में नौकरी करता था। लेकिन कोरोनाकाल में उसकी नौकरी छूट गई। वहां से वह रांची आ गया और पुंदाग में रहने लगा। उसने शादी, हनीमून और गाड़ी खरीदने के लिए दोस्तों व बैंक से कर्ज लिया था। बाद में लोग पैसे मांगने लगे। इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने शौर्य के अपहरण की साजिश रची और करीब 15-20 लाख रुपए फिरौती लेने की फिराक में था।