बिहार मे 29 साल बाद पुलिस थाने से 42 लाख की जमानत पर छूटे भगवान

भले ही आपको यह बात मजाक लगे परंतु यह बात सौ प्रतिशत सही है और यह घटना बिहार के आरा की है जहाँ न्यायालय के आदेश के बाद 42 लाख की जमानत के बाद भगवान हनुमान और संत बरहर स्वामी को जमानत पर छोड़ा गया। भगवान को थाने से छुड़ाने में मुख्य भूमिका आचार्य किशोर कुणाल की रही जिन्होंने भगवान की रिहाई के लिये 42 लाख रुपये की जमानत राशी का बंदोबस्त किया।

                 आपको बता दें कि इस कहानी की शुरुआत आज से करीब 29 साल पहले 29 मई 1994 को बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंड़ी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान मंदिर में स्थापित अष्ट धातु के भगवान हनुमान जी की मूर्ति और संत बरबर स्वामी जी की मूर्ति को अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी कर ली गई थी। जिसके बाद वहां के तत्कालीन मंदिर के पुजारी जनेश्वर द्विवेदी के द्वारा कृष्णागढ़ ओपी में मूर्ति चोरी का आरोप लगाते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करायी गयी थी।  पुलिस ने इस मूर्ति चोरी के मामले में अनुसंधान के बाद मंदिर से चोरी गई दोनों अष्टधातु  की मूर्तियों को 25 मई 1994 को नगर थाना क्षेत्र के भलुही पुर गौसगंज बाधार के चोंचाबाग स्थित एक कुएं से बरामद किया था। पुलिस से मूर्ति को बरामद कर कृष्णागढ़ ओपी के मालखाने में जमा कर दिया तब से लेकर अभी तक भगवान मालखाने में बन्द थे।

                  डॉ बबन सिंह ने बताया कि यहां तीन बार चोरी हो चुकी है। पहली चोरी 1969 में हुई थी। उस दौरान चोरों ने गोदाम्बा, रंगनाथ भगवान, राम और जानकी की मूर्ति चोरी की। दूसरी चोरी करीब दस साल के बाद 1980 में हुई। जिसमे गरुड़ जी, शतकोप स्वामी और बर्बर मुनि स्वामी की प्रतिमा चोरी हुई।

आपको बता दें मूर्ति की बरामदगी को 29 साल बीत चुके हैं। बरामदगी के बाद मूर्ति का मूल्यांकन लगभग 42 लाख रुपए किया गया था। तब कोर्ट की ओर से मूर्ति की जमानत के लिए उतने रुपए का ही जमानतदार मांगा जा रहा था। लेकिन कोई भी इतने रुपए का जमानतदार बनने को तैयार नहीं हुआ। जिसकी वजह से भगवान अभी तक पुलिस थाने में बंद थे।

                       महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य कुणाल किशोर को जानकारी मिलने के बाद करीब 10 माह पहले मूर्ति के लिए जमानत की पेशकश की। मूर्ति वापस आने पर भोजपुर पुलिस की ओर से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होने पर जमानत का प्रस्ताव रखा था।

                         भगवान के रिहाई के बाद भव्य शोभायात्रा निकालने में जुटे पूर्वी गुंडी पंचायत के ‌मुखिया कृष्णा कुमार सिंह ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है जहां एक और राम नवमी का पर्व चल रहा है वही वर्षों मंदिर से चोरी के बाद मालखाने में रखें भगवान राम के भक्त हनुमान हनुमान जी और संत बरहर स्वामी को बाहर निकाला गया।जिसकी खबर के बाद पूरे इलाके में खुशी की लहर है.वही कोर्ट से भगवान की रिहाई के आर्डर के बाद कृष्णागढ़ ओपी इंचार्ज ब्रजेश सिंह ने कहा कि काफी खुशी की बात है कि भगवान को मालखाने से बाहर निकाल मंदिर में स्थापित किया जा रहा है जहां अब भगवान का दर्शन भक्त सीधा करेंगे और उनकी पूजा-अर्चना भी होगी

 

 

 

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