एक ओर जहाँ नगर महापौर द्वारा नगर के विकास के लिये दिन रात लगी हुई है वहीँ कौन है जो भ्रस्टाचार रूपी कीड़ा बनकर नगर के विकास कार्यो को बर्बाद कर रहा है।
ताजा मामला भी बेतिया नगर निगम के भ्रस्टाचार से जुड़ा है हालाँकि इस सम्बंध में कोई भी अधिकारी का ध्यान क्यूँ नहीं गया यह शोचनीय विषय है यह अपने तरह का पहला मामला नहीं है परन्तु सभी मामले भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ गये और जनता का पैसा लूटने वाले निश्चिंत होकर सो गये।
अभी हम जिस मामले की बात कर रहे है वो मामला बिल्कुल नया है बीते मार्च महीने में ही नगर निगम द्वारा 420713/- रुपये की लागत से एक अप्रोच पथ का निर्माण किया गया था और उसका शिलान्यास महापौर उपमहापौर के साथ-साथ निगम के अधिकारीयों द्वारा किया गया था। परंतु जनता के पैसे के लूट का खेल की इस पथ को बने महीनों भी नहीं बीते थे और सड़क में गड्ढे पड़ने शुरू हो गये परन्तु किसी भी निर्भीक जनप्रिय कर्मठ और जुझारू को ऐसे लूट से कोई अन्तर नहीं हुआ। जबकि यह मामला सीधे तौर पर जनता के पैसे का लूट का है परंतु जिस तरह से अधिकारियों के मुहँ पर चुप्पी लगी है उसे देखकर ऐसा लगता है कि ऐसे ही भविष्य में भी सड़के बनतीं और टूटती रहेगी।परंतु गुणवत्तापूर्ण कार्यो की जवाबदेही नहीं है।