शायद आपको यह जान कर आश्चर्य होगा की भारत का विदेशी कर्ज पिछले नौ सालों में पचपन लाख करोड़ से बढ़कर लगभग एक सौ पचपन लाख करोड़ तक हो गया है। इसका मतलब यह है की पिछ्ले 66 वर्षों में भारत की विभिन्न सरकारों ने विदेशों से जितना कर्ज लिया था उसका दुगुना कर्ज वर्तमान सरकार ने सिर्फ नौ सालों में उसका दुगुना कर्ज ले लिया है। हालाँकि भाजपा ने 2014 में सरकार बनाने से पहले जनता से वादा किया था कि वह देश के विदेशी कर्ज को कम करेगी, लेकिन पिछले 9 सालों में देश का कर्ज कम होने की जगह पिछली सरकारों के 66 साल के दौरान लिये गये कर्जे को लगभग तिगुना बढ़ा दिया है ।