बिहार की नीतीश सरकार ने यूक्रेन युद्ध के कारण यूक्रेन से लौटे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए बिहार राज्य के मेडिकल कॉलेज में भी इंटर्न करने की सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। उनके इस फैसले से जो छात्र पिछले डेढ़ वर्षों से अपनी पढ़ाई बीच मे छोड़ बैठे थे उनको काफी फायदा होगा ।सरकार के इस फैसले के अनुसार कोई भी मेडिकल कॉलेज अपनी कुल क्षमता (सीटों की संख्या) का अधिकतम 7.5 फीसदी सीटों पर फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट से इंटर्नशिप करा सकेंगे, छात्रवृत्ति देंगे पर इंटर्नशिप के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट से किसी तरह की राशि नहीं लेंगे।कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट को प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में इन्टर्नशिप करने की सुविधा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
यूक्रेन युद्ध शुरू हुए डेढ़ साल हो गए है परंतु अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है ऐसे मे जिन आठ सौ से ज्यादा बच्चों ने अपनी पढ़ाई बीच मे ही छोड़ कर घर आए थे उनके समक्ष भविष्य को लेकर चिंता थी उनके कैरियर पर सरकार के इस फैसले का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
आपको बात दें की रूस और यूक्रेन युद्ध सुरू के बाद करीब सोलह हजार मेडिकल के छात्रों को वहाँ से निकालकर भारत लाया गया था। इनकी पढ़ाई पर असर न हो इसीलिए सरकार ने यह फैसला लिया है।