खाद की कालाबाजारी में जिले के होल सेलर व्यापरियों का बड़ा योगदान किसानों की कोई सुनने वाला नहीं 

             एक तो बरसात की कमी ऊपर से खाद व्यापरियों की कालाबाजारी की दोहरी मार से लूटे जा रहे हैं जिले के निरीह किसान।

              अगर खुदरा विक्रेता की बात का विश्वास करे तो बेतिया पश्चिम चंपारण जिला में इस समय यूरिया का कालाबाजारी कर करोडो रुपए लूट रहे है खाद के बड़े व्यावसायी। पश्चिम चंपारण के किसान खेती के मौसम में खाद के बड़े व्यापरियों की लूट नीति का शिकार हो रहे है और अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते है अगर अधिकारी कारवाई करना भी चाहे तो उन्हें साजिश के तहत आरोपित कर व्यापारी अपना काम करने की आज़ादी पाते है।

अगर खुदरा दुकानदारों की बात का विश्वास करे तो जिस खाद को उन्हें 262 रुपये में बेचना है वो उन्हें 300 से 325 तक में उपलब्ध हो रहा है साथ ही बड़े व्यापरियों द्वारा जबरदस्ती दवा और अन्य उत्पाद भी उन्हें बेचने को दिया जा रहा है जिससे मजबूरी वश हमे किसानों को मजबूरी वश 350 से 450 तक में बेचना पड़ता है।

   इस सम्बंध में जब बड़े व्यापरियों से सम्पर्क करने की कोशिश की तो मुलाकात नहीं हो सकीं या ऐसा कहे वो लोग मिलना नहीं चाहे। हालंकि कमला कृषि केंद्र के विनोद सर्राफ से उनके निवास पर मुलाकात हुई परंतु उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया परंतु उन्होंने इशारे ही इशारे में जिले के एक विधायक तक का नाम ले ड़ाला और कहा कि आपलोग इसमे ना ही उलझे तो बेहतर है उन्होंने इशारे ही इशारे में पूछ ड़ाला की आखिर क्या वजह है कि इतने बड़े कालाबाजारी के रैकेट पर किसी भी मीडिया संस्थानों में अभी तक एक भी खबर नहीं आयी है , हालंकि उन्होंने कालाबाजारी की एक वजह में यह भी बताया कि जिले मे यूरिया की रैक का ना लगना भी एक बड़ी वजह है। अब वज़ह जो भी हो पर इसका दर्द को सभी किसानों को झेलना पर रहा है।और व्यापारी मालामाल हो रहे है 

          सबसे बड़ी बात है कि जिले के किसानों को बड़े खाद व्यापारी मिलकर करोड़ों करोड़ की लूट पर आखिर विधायक से लेकर सांसदों तक सभी क्यूँ है चुप। 

           इस संदर्भ में जिला कृषि पदाधिकारी से पक्ष लिया गया तो उन्होंने बताया कि ऐसा मामला संज्ञान में आ रहा है समय समय पर जांच कर कार्यवाही की जा रही है। कुछ दुकानदारों के द्वारा कालाबाजारी की जांच करने पर हमें ही झूठे आरोप लगाकर फँसाने का कार्य किया जा रहा है ताकि इनकी कालाबाजारी चलती रहे और किसानों का शोषण होता रहे हमारा काम है जिला में उचित मूल्य पर यूरिया उपलब्ध कराना ताकि यूरिया का कमी ना हो सके और हम इसके लिये हर संभव प्रयास कर रहे है। उन्होंने बताया कि खाद की कमी की बड़ी वजह यह है कि किसान यूरिया का प्रयोग ज्यादा मात्रा मे कर रहे है,जबकि अगर उचित मात्रा मे प्रयोग किया जाय तो बहुत हद तक इसपर काबु पाया जा सकता है।

              बिहार राज्य किसान सभा के उपाध्यक्ष प्रभुराज नारायण राव जो अक्सर किसान हित के मुद्दे उठाते रहते है उन्होंने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी , उनके अधीनस्थ पदाधिकारी और बड़े व्यापारियों की मिली भगत से किसान लूटे जा रहे हैं। जब जिला कृषि पदाधिकारी ही कालाबाजारी रोकने में अक्षम बताते है तो उन्हें बने रहने का कोई मतलब नहीं । वह यह बताना चाह रहे हैं कि सरकार हीं इस लूट में शामिल नहीं है । वे अपनी संलिप्तता को छुपाना चाह रहे हैं। उन्हें नहीं भुलना चाहिए कि बिहार में महागठबंधन की सरकार है । अगर खाद के काला बाजारियों पर कारवाई नहीं हुई , तो जिला कृषि पदाधिकारी पर केस किया जाएगा ।

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