महापौर ने नगर निगम भ्रस्टाचार के विरुद्ध कड़ा रुख अख्तियार किया पर अगुणवत्तापूर्ण निर्माण पर है चुप

बेतिया नगर निगम में भ्रस्टाचार के जिन मुद्दों को उठाते हुये उपमहापौर और पार्षदों के एक समूह ने महापौर को पत्र लिखा था और उसके आलोक में महापौर ने इसकी जाँच के लिए विभाग को लिखा था और सरकार के निर्देश पर जाँच चल रही थी और जाँच के दौरान ही इसका भुगतान नगर आयुक्त के कार्यालय द्वारा पिछ्ले महीने ही भुगतान कर दिया इसकी जानकारी जब महापौर को हुई तो उन्होंने नगर आयुक्त से इस सम्बंध में स्पष्टीकरण माँगा है। महापौर ने इस सम्बंध में पत्र जारी कर आगामी सशक्त समिति की बैठक मे जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। 

              आपको बता दें कि नगर निगम बोर्ड के प्रभाव में नहीं रहने के दौरान से लेकर नगर आयुक्त के पूरे कार्यकाल में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है। नगर निगम के 29 पार्षदगण द्वारा महापौर को सौंपे आवेदन को अनुशंसा के साथ महापौर द्वारा विभागीय अपर मुख्य सचिव से कार्रवाई का अनुरोध किया गया था। जिसके आलोक में विभागीय अपर मुख्य सचिव द्वारा जिलाधिकारी को जांच कराने का पत्र दिया गया है। इधर उक्त जांच के दरम्यान नगर आयुक्त के द्वारा लोहे के डस्टबीन के एवज में 52.70 लाख का भुगतान 20 जुलाई 2023 को करने पर महापौर ने नगर आयुक्त से जवाब मांगा है। नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि उनके पत्र में निदेश है कि जांच प्रक्रिया के दौरान लोहे के डस्टबीन के एवज में 52 लाख से अधिक के भुगतान के औचित्य को नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति की बैठक में स्पष्टीकरण के तौर पर अचूक रूप से अपना जवाब प्रस्तुत किया जाय।

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