पटना बाइपास (रामकृष्णानगर) स्थित उनके मकान को सील कर उसे राज्यसात करने का आदेश दिया था। उसी आदेश काे चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा कि गोदाम मालकिन को बिना कारण परेशान किया गया जिसकी क्षतिपूर्ति के लिए यह हर्जाना लगाया गया है।
न्यायमूर्ति पी बी बजनथरी और अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने सुनीता सिन्हा की याचिका को मंजूर करते हुए आदेश दिया की हर्जाने की रकम अपर मुख्य सचिव के साथ राज्य के उत्पाद आयुक्त, पटना के डीएम और एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों को याचिकाकर्ता को देनी होगी। अदालत ने ये माना की अधिकारियों ने शराबबंदी कानून का दुरुपयोग कर एक गोदाम की मालकिन को प्रताड़ित किया है । इन अधिकारियों ने मनमाने तरीके से बगैर किसी सबूत के याचिकाकर्ता को शराबबंदी कानून तोड़ने के नाम पर परेशान किया और उनके मकान की सील कर दिया ।