जिला जज ने योगापट्टी थानाध्यक्ष मनोज कुमार प्रसाद के विरुद्धवट धारा 182, 211 एफआईआर दर्ज करने का आदेश

“जिला जज त्रिलोकी दुबे ने निजी मोटर साइकिल को चोरी का बता कर निर्दोष युवक को जेल भेजने के  मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष मनोज कुमार प्रसाद के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश पुलिस अधीक्षक को दिया है।”

योगापट्टी पुलिस ने 12 जुलाई 2023 को सात युवकों को आर्म्स एक्ट, धोखाधड़ी व चोरी के सामान बरामद होने के आरोप में जेल भेजा था। जिसमे एक आरोपी महताब खां जो इनरवा का रहने वाला था उसके पास से एक बाइक बरामद की गयी है जिसपर  नंबर प्लेट नहीं था और इंजन व चेचिस नंबर से छेड़छाड़ भी की गयी थी । 

            परिजनों ने न्यायालय को  बताया कि जिस गाड़ी को चोरी का बताकर योगापट्टी थानाध्यक्ष ने महताब को जेल भेजा है, वह बाइक महताब की ही है और उसने यह गाड़ी फाइनेंस पर ली गयी है। थानाध्यक्ष ने महताब को फंसाने के लिए इंजन व चेचिस नंबर के साथ छेड़छाड़ की है। छेड़छाड़ किए गए दो-तीन नंबरों को छोड़कर अन्य सभी नंबर गाड़ी के रजिस्ट्रेशन उल्लेखित है।

            आरोपी के पक्ष को सुनने के बाद जिला जज ने थानाध्यक्ष को जब्त गाड़ी लेकर तथा परिजनों को बाइक की ओरिजनल चाबी व कागजात लेकर आने का आदेश दिया।जिसके बाद जिला जज के आदेश पर जब पुलिस व पीड़ित पक्ष दोनों गाड़ी व कागजात लेकर पहुंचे जिसके बाद परिजन के पास मौजूद ओरिजनल चाबी को गाड़ी मे लगाया गया तो वह पूरी तरह से काम कर रहा था। रजिस्ट्रेशन कार्ड पर अंकित नंबरों का मिलान किया गया तो अधिकतर नंबर गाड़ी के नंबर से मेल खा रहे थे। जिसके बाद जिला जज को पुष्टि हो गई पीड़ित निर्दोष है और थानाध्यक्ष द्वारा जान बूझकर फसाने की कोशिश की गयी है । उसके बाद जिला जज ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया की दोषी अधिकारी के खिलाफ धारा 182, 211 के तहत मामला दर्ज किया जाये । 

             जिला जज के इस आदेश से पुलिस से पीड़ित इस परिवार का न्यायालय पर पूरा भरोसा कायम रहा है । जबकि पुलिस अधिकारी की इस करतूत से पुलिस की छवि पर खराब असर पड़ा है ।  

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