कांग्रेसी गुंडो ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार पर हमला किया ?

Kamal shukla (Kamal shukla )- फाईल फोटो।  

आलोक पुतुल-

छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़े में एक पत्रकार के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मारपीट का विरोध करने पहुँचे पत्रकारों की एक टीम पर थाने के भीतर मारपीट हुई. पत्रकार कमल शुक्ला का सिर फट गया. मारपीट करने वाले कांग्रेसी नेता बताये जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में उत्तरप्रदेश मुबारक !

रूपेश कुमार सिंह-

अभी-अभी पत्रकार कमल शुक्ला से मेरी बात हुई, उन्होंने जो बताया वह बहुत ही शर्मनाक व भयावह है।

कमल शुक्ला ने बताया कि उनके उपर हमला छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जानकारी में हुआ है, क्योंकि उनके राजनीतिक सलाहकार व मंत्री का दर्जा प्राप्त कांग्रेस नेता राजेश तिवारी का एक ऑडियो उनके पास आया है, जिसमें वे कांकेर कलक्टर व एसपी को बोल रहे हैं कि दो घंटा तक किसी का फोन नहीं उठाना है। इसीलिए थाना में भी मात्र 10 पुलिस को ही रखा गया था, ताकि उनकी हत्या हो जाए।

उन्होंने बताया कि उनके उपर हमला करनेवालों को गिरफ्तार तो जरूर किया गया था, लेकिन सभी को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया गया है, क्योंकि कांग्रेसी गुंडों पर जमानतीय धारा ही लगायी गयी थी।

उन्होंने बताया कि उनके उपर जो मुकदमा कांग्रेसी गुंडों ने दर्ज कराया है, उसके तहत अब इनकी ही गिरफ्तारी की संभावना बन रही है।

उन्होंने बताया कि अभी वे लगभग 50 पत्रकारों के साथ कलक्टर के ऑफिस के सामने धरना पर बैठे हैं और धरना में पत्रकारों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

देश के तमाम जनवादपसंद पत्रकारों व संगठनों को जरूर ही पत्रकार कमल शुक्ला के पक्ष में खड़ा होना चाहिए।

मालूम हो कि कल मारपीट के वक्त ही पत्रकार कमल शुक्ला का मोबाईल भी कांग्रेसी गुंडों ने ले लिया है, इसलिए उनके पुत्र Shubham Shukla के मोबाईल पर कमल शुक्ला से बात हुई।

विक्रम सिंह चौहान-

अधपकी दाढ़ी और अधपके बाल वाला यह साधारण सा दिखने वाला शख्स छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जी हैं. इनके गले में देखिए खून का धब्बा दिख रहा होगा जो कि इनके ऊपर कांकेर में जानलेवा हमले (गला रेतने का प्रयास) के बाद का है.

यह हमला सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी से जुड़े गुंडो ने किया है. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार कहती है कि वे पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है, लेकिन जमीन पर ऐसा होता नहीं दिखता है.

पहले बिलासपुर में साथी प्रियंका शुक्ला और अब कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर हमला कहानी आप कहती है. हम लोग कांग्रेस को लेकर हमेशा से एक सॉफ्ट कार्नर रखते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाये पर इस पार्टी का लोकतंत्र में विश्वास तो है. पर अब मेरा इस पर से विश्वास डोलने लगा है.

साथी कमल शुक्ला अपनी जमीन बेचकर भूमकाल समाचार पत्रिका छापते हैं.जो कि छत्तीसगढ़ की एकमात्र पत्रिका है जो जनसरोकार को समर्पित है. कमल शुक्ला जैसे लोगों के लिए पत्रकारिता पेशा नहीं है. जुनून है. उनके लिए पत्रकारिता ही सबकुछ है.कमल शुक्ला के साथ जो कुछ हुआ है उनसे बहुत दुख पहुंचा है और क्रोधित भी हूँ. मैं उनके साथ हर कदम पर हूँ.

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