दिल्ली में 46 पत्रकारों पर यू ए पी ए के तहत मुकदमा दर्ज कर डराने धमकाने और जेलों में बंद करने के खिलाफ पत्रकारों के हित का संगठन भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ ने अपने हेड ऑफिस मे पत्रकारों की एक आपात बैठक बुलाई । और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला को तीखे शब्दों में निन्दा किया।
सभा को सम्बोधित करते हुए भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ के राष्ट्रीय महासचिव व चेयरमैन डॉ अमानुल हक ने कहा कि ये सारे पत्रकार सरकार के चरण बन्दना छोड़ कर जन पक्षीय पत्रकारिता कर रहे है इसीलिए ये सभी पत्रकार सरकार के निशाने पर हैं, आगे कहा कि सरकार के आदेश पर पुलिस ने इनपर यू ए पी ए के तहत मुकदमा दायर कर जांच शुरू कर दिया है। हो सकता है कभी भी किसी बहाने इनका मुंह बंद कराने के लिए इन्हें हमेशा हमेशा के लिए जेलों में डाला जा सकता है, बिहार सहित बेतिया में भी कुछ सोशल मीडिया व प्रिंट सहित इलेक्ट्रॉनिक से जुड़े पत्रकारो पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है जबकि पूर्वी चंपारण का मनीष हत्या कांड मे दोषी को अब तक सजा नही मिलना यह सब क्या है? सरकार देश में पत्रकारों के बीच भय पैदा कर रही है, ताकि कोई भी सरकार की आलोचना करने की हिम्मत नहीं करें, हम कह सकते हैं कि देश में मीडिया को बडावा देने के बजाए इस पर सेंसर लगा रही है। आखिर प्रशासन व सरकार पत्रकारों से क्या चाहती है। मीडिया व पत्रकार तो समाज का आईना है।
डॉ अमानुल हक ने आगे कहा कि अब बोलने लिखने और समाज मे हक़ की लड़ाई करने की मनाही क्यों? स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पर लगातार हमला जारी है। जिन पत्रकारों पर हमला और घरों पर दिल्ली पुलिस द्वारा छापा मारा गया है, वह निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं और हमेशा से ही सरकार व प्रशासन को आईना दिखाने का काम करते रहे हैं। भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ राष्ट्रीय महासचिव ने आगे कहा कि हम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला नहीं सहेंगे इस को नही रोका गया तो आंदोलन करेगी संघ।