बैरिया थाना क्षेत्र के भीतहां पंचायत में रहने वाले मंगल साह पिछ्ले पच्चीस वर्षो से अपनी जमीन के लिये जिले के सभी छोटे बड़े अधिकारियों के चक्कर लगा है परंतु अंचलाधिकारी इस पुत्रहीन बुजुर्ग को नित्य प्रतिदिन थाने और अपने कार्यालय के चक्कर लगवा रहे है। अंचलाधिकारी की कारगुजारियों का अंदेशा आप इसी से लगा सकते है कि भूमि सुधार समाहर्ता के आदेश का दस वर्षो से अनुपालन नहीं कराने के बाद पुनः नये सिरे से बेदखली बाद शुरू कर इस 80 वर्षीय बुजुर्ग को पुनः इनके कार्यालय में दौड़ने को मजबूर कर दिया है। हालाँकि ये बताते है कि इन्होंने काम रोकने का आदेश भी दिया है परंतु अंचलाधिकारी यह बताने में असक्षम रहे की दस वर्षो से भूमि सुधार उप समाहर्ता के आदेश का अनुपालन क्यूँ नहीं हो सका जबकि पीड़ित के अनुसार बैरिया अंचलाधिकारी द्वारा दुसरी बार भूमि सुधार उपसमाहर्ता के आदेश के खिलाफ बेदखली बाद चलाकर उसे परेशान किया जा रहा है जबकि अंचलाधिकारी को भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने कब्जा दिलाने का आदेश जारी किया था। हालंकि उपसमाहर्ता के आदेश के बाद एक बार अंचलाधिकारी द्वारा बेदखली बाद चलाकर पीड़ित के पक्ष में आदेश दिया जा चुका है। और प्रतिवादी द्वारा भूमि सुधार उपसमाहर्ता के आदेश के ख़िलाफ़ किसी सक्षम न्यायालय में जाने की सूचना भी अप्राप्त है। अंचलाधिकारी समेत अन्य सभी अधिकारियों के कार्यकलाप से ऐसा प्रतीत होता है सभी जानबूझकर पीड़ित के मरने तक उसे कानूनी दांव पेंच में उलझाए रखना चाहते है।
” सबसे बड़ी बात यह है कि इस दौरान अतिक्रमण करने वाले लोगों ने उस जमीन पर दो मंजिला निर्माण कर लिया है और इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इसमें अधिकारियों की मिलीभगत है। वरना ऐसा संभव नहीं है की अधिकारी कारवाई करे और पीड़ित को न्याय ना मिले । या ऐसा कहे कि अधिकारियों ने न्याय दिलाने की जितनी कोशिश की पीड़ित का दर्द उतना ही बढ़ता गया। “