” कार्रवाई की सबसे बड़ी बात यह रही की गलती शम्भू कुमार की कार्रवाई हुई पाथ्या पर । परन्तु इस मुद्दे पर महापौर के तेवर अभी भी सख्त बने हुए है उन्होंने साफ़ साफ़ शब्दों में कहा है की जनता के करोड़ों की रकम की लूट में शामिल सभी दोषियों पर कार्रवाई तक वे चैन से बैठने वाली नहीं है “
उन्तीस पार्षदों ने महापौर को नगर आयुक्त शंभू कुमार के पूरे कार्यकाल में की गई खरीददारी, दवा छिड़काव, एजेंसियों के चयन यथा पाथ्या, स्पैरो आदि की कारगुजारी और भुगतान के अतिरिक्त सभी प्रकार की आय और व्यय की उच्चस्तरीय बिन्दुवार जांच कराने के बाद विधि सम्मत कार्रवाई का अनुरोध किया था। जिसके बाद महापौर ने पात्र लिखकर नगर विकास एवं आवास विभाग अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर जांच की मांग की थी ।
जिसके बाद नगर विकास एवं आवास विभाग अपर मुख्य सचिव के आदेश पर नगर आयुक्त शंभू कुमार ने नगर निगम के साथ अनुबंध वाली सफाई एजेंसी ‘पाथ्या’ का अनुबंध रद्द करने का नोटिस जारी किया है। अपने पत्र में अपर मुख्य सचिव के आदेश को मानते हुए अपनी गलती स्वीकार की है और लिखा कि “मैन पॉवर और टनेज को मिश्रित किए जाने के कारण खर्च कई गुना बढ़ गया है। एकरारनामा की अवधि भी दो या तीन वर्षों से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आगे लिखा की एकरारनामा की शर्त के अनुसार नोटिस देकर इस एकरारनामा को विहित प्रक्रिया के तहत रद्द करने की कार्रवाई करने , एवम सशक्त समिति से टर्म कंडीसन की स्वीकृति कराकर पुनः निविदा जारी करेंगे।