सफाईकर्मियों को भुगतान नहीं मिलने के कारण कई पार्षदों ने खोला मोर्चा

नगर निगम के कई सफाई कर्मियों को दिपावली और छठ के अवसर पर भुगतान नहीं होने के कारण पार्षदों ने इनके समर्थन में आवाज बुलंद की। स्थानीय अशोक सम्राट भवन के सभागार में बैठक कर अनेक पार्षदों ने नगर महापौर को तानाशाह बताया और कहा कि अगर उनका भुगतान यथाशीघ्र नहीं हुआ तो वो कड़े कदम उठाने को बाध्य होंगे।

इस बैठक मे कृष्ण कुमार शर्मा, नवनीत कुमार, साजन कुमार, अभिमन्यू कुमार, नन्द लाल प्रसाद, एनामुल हक़, विजय यादव, राजकिशोर महतो,नाजिया प्रवीण, म. पप्पु, इंद्रजीत यादव, अमर यादव, केशव राज, कुणाल राज सर्राफ, विनय बागी, सहित कई उपस्थित रहे। सभी उपस्थित पार्षदों ने एक स्वर से महापौर और उनके पति को तानाशाह बताते हुये कहा कि 4-3-2023 के सामान्य बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में नगरनिगम ज्ञापांक 502 दिनांक 15-3-2023 के माध्यम से सभी वार्डो में 5 सफाईकर्मी और 1 ई – रिक्सा ड्राईवर एनयूएलएम द्वारा सफाइ कार्य हेतु प्रतिनियुक्त किया गया था । उनका भुगतान निरंतर अब तक होते आया है । दिपावली – छठ जैसे महापर्व के अवसर पर निकाय के सभी तरह के कर्मियों का वेतन भुगतान कर दिया गया परन्तु इन 6 अतिरिक्त कर्मियों का भुगतान अब तक लम्बित हैं। और दिवाली और अन्य त्योहारों में इन कर्मियों को भुगतान नहीं होने से सफाई व्यव्स्था में अवरोध पैदा हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि सशक्त स्थायी समिति के द्वारा कम्पनी से नीजी हीत लाभ के लिए अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है तथा जान बुझकर पाथ्या कम्पनी एवं मजदुरों के भुगतान पर रोक लगाकर नगर निगम बेतिया के सुचारू रूप से चल रहे व्यवस्था को छिन्न – भिन्न एवं नगर निगम बेतिया की शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों द्वारा की जा रही है जिससे आम जनमानस में नगर निगम बेतिया की छवी को धुमिल करने का पुरजोर प्रयास जारी है। पार्षदों ने बताया कि पूर्व में नगर आयुक्त के ख़िलाफ़ दिये गये आवेदन के आलोक में हुई विभागीय जाँच में भी नगर आयुक्त और सफाई एजेंसी पर किसी तरह के आरोप  साबित नहीं हुये है। ऐसे में जब यह जाँच में साबित ho गया कि कहीं गडबडी नहीं हुई है तो त्योहारो के बीच  बिना किसी नए व्यवस्था के पुराने एजेंसी को कार्य समाप्त करने का आदेश उचित नहीं है। उन्होंने महापौर पर यह भी आरोप लगाया कि अपनी लोकप्रियता के लिये पार्षदों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। 

 

 

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