यशी सिंह अपहरण मामले मे डीआईजी, सीआईडी और एसएसपी मुजफ्फरपुर को कोर्ट ने १ दिसंबर को तलब किया

               यशी सिंह की बरामदगी नहीं होने के कारण उसके माता-पिता ने पटना उच्च  न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और क्रिमिनल रिट संख्या 107 / २ / 2023 दायर किया था । केस की सुनवाई हुई,पटना उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह के अंदर मुजफ्फरपुर एसपी से काउंटर एफिडेविट फाइल करने को कहा। अदालत मे केस को लीपा पोती करते हुए मुजफ्फरपुर एसपी ने पटना उच्च न्यायालय में काउंटर एफिडेविट फाइल किया। जिसके बाद न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद के यहां शुरू हुई सुनवाई मे अदालत ने अनुसंधान में वर्ती गई शिथिलता और सरकार तथा पुलिस के रवैए पर सख्त नाराजगी व्यक्त कि गई और अनुसंधान देख सभी आश्चर्यचकित थे। जिसके बाद न्यायधीश महोदय ने आदेश पारित करते हुए सख्त टिप्पणी की उन्होंने कहा की कि

      ” राज्य सरकार एवं प्रशासन बिहार के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में नाकामयाब रही है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण यशी सिंह अपहरण केस है”

जिसके बाद माननीय  न्यायाधीश महोदय  ने इस केस को पटना उच्च न्यायालय द्वारा डे-टू-डे मॉनिटरिंग के लिए आदेश दिया। इस मामले की सुनवाई पटना उच्च न्यायालय में प्रत्येक शुक्रवार को होगी इस  केस की  मॉनिटरिंग साइबर क्राइम एसपी बिहार तथा मुजफ्फरपुर सीनियर एसपी मिलकर करेंगे और एक नई एसआईटी का गठन करेंगे और यसी सिंह को बरामद करने हेतु ठोस प्लान बनाकर कार्रवाई करेंगे और इसका प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रत्येक शुक्रवार को पटना उच्च न्यायालय में समर्पित करेंगे। जिसकी सुनवाई पटना उच्च न्यायालय करेगी। 

परंतु वहीं आज पुनः केस की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने एस.एस.पी मुजफ्फरपुर के प्रतिवेदन को केवल कागजी खाना पूर्ति बताते हुए डीआईजी, सीआईडी और एसएसपी मुजफ्फरपुर को अगली तिथि 1 दिसंबर को न्यायालय में फिजिकल अपियरेंस का आदेश निर्गत किया।

                   ”  न्यायालय को सरकार ने एक काउंटर एफिडेविट फाइल कर जानकारी दी की केस को प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन के लिए सीआईडी,बिहार को ट्रांसफर किया गया है। इस पर कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या अब तक प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन नहीं किया जा रहा था “

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