बिहार मे केंद्र सरकार द्वारा संचालित एम्स में पिछले ढाई सालों से काम कर रही संस्था द्वारा मरीजों से अवैध रूप से रकम वसूली जा रही थी। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ती द्वारा पेश बिल की जाँच निजी कंपनी द्वारा की गई तो बिल इस सच्चाई का खुलासा हुआ। जिसके बाद एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गोपाल कृष्ण दास द्वारा इसकी जाँच कराईं गई तो मामले का खुलासा हुआ हालाँकि इस बात में संशय है की इस घपले में सिर्फ ठेका लेने वाली फर्म अलंकित ही दोषी है या और भी कोई गिरोह है। जाँच में दोषी पाये जाने के बाद निदेशक डॉक्टर गोपाल कृष्ण दास ने इस फर्म का ठेका निरस्त कर सभी कर्मियों को काम से हटा दिया है और 15 जनवरी से कंपनी का ठेका रद्द कर दिया गया है।