बिहार में भाजपा जदयू सरकार के निर्णयों के पालन करवाने में सरकारी तंत्र फ़ेल

बिहार में भाजपा जदयू सरकार के निर्णयों के पालन करवाने में सरकारी तंत्र फ़ेल
जैसा कि सभी जानते है कि बिहार में लंबे समय से भाजपा जदयू सरकार है सरकार के अनेक ऐसे फैसले है जो सरकार ने लिए तो जनता के फायदे के लिये है, परंतु सरकारी तंत्र का खेल देखिये की इसका फायदा जनता से ज्यादा तो अन्य लोग उठा रहे है।
सबसे पहले  भाजपा जदयू सरकार की हर घर जल योजना इस उद्देश्य हर घर तक साफ पानी पहुंचाना था इसके लिए सरकार ने अरबो रुपये खर्च कर दिए परंतु इसका फायदा कौन उठा रहा है इसका अंदाजा पाठक खुद लगा लेंगे जब वो इसकी असलियत देखेंगे, बेतिया के जिलाधिकारी ने कई बार इस योजना की जानकारी और जांच की परंतु इसकी सच्चाई चम्पारण के सबसे महत्वपूर्ण गाँव बृंदावन आश्रम जाने पर पता चलता है यह ऐतिहासिक गाँव है परंतु शायद आपको जान के आश्चर्य होगा कि वहां जल नल योजना का लाभ टंकी के ठीक सामने बने मोहन प्रसाद के घर तक नही पहुंच सकी जब इस गाँव का यह हाल है जहाँ मुख्यमंत्री से लेकर हर बड़ा नेता हो या अधिकारी सभी आते है तो बाकी का अंदाजा आप खुद लगा सकते है और आपको खुद पता लग जायेगा कि इस योजना की लूट में किन किन का हिस्सा हो सकता है।
शराबबंदी सूबे में शराब बंद कर इस सरकार ने जितनी वाहवाही बटोरी है शायद ही बिहार के किसी *मुख्यमंत्री* को इतनी वाहवाही मिली होगी लेकिन जबाबदेह लोगो की लापरवाही से हर शहर के नालो में साफ साफ दिखाई देता है *हालांकि पुलिस द्वारा प्रतिदिन शराब पकड़ी जाती है* परंतु वह सूबे में प्रयोग होने वाली मात्रा का बहुत ही छोटा हिस्सा है अब ये मानने का दिल नही करता कि यह बिना सेटिंग के संभव है। बिहार में तो यह कहावत बन गयी है कि *होम डिलेवरी का नया व्यवसाय नीतीश जी ने शुरू करवा दिया*
*गुटखा बंदी* ये योजना तो जैसे भाजपा जदयू सरकार ने अधिकारियों और कालाबाज़ारी करने वालो के लिए ही शुरू की है क्यूंकि गुटखा तो खुले आम बिकता है और अधिकारी को पता ही नही क्यूंकि इसे तो शराब की तरह ना तो छुपा कर बेचने की जरूरत है ना ही छुपा कर पीने की इसे तो हर आदमी खुले आम खा सकता है अब गुटखा में अपने शहर बेतिया का ही उदाहरण ले ले नगर में शुद्ध प्लस नाम के ब्रांड का दबदबा है और ज्यादातर लोग इसे ही पसंद करते है सभी जानते है इसका व्यापार यहाँ कौन करता है नगर के कालीबाग थाना क्षेत्र में अधिकांश रात्रि को इस ब्रांड का ट्रक उतरता है परंतु आज तक कालीबाग क्षेत्र के अधिकारी को पता ही नही चला अब आप खुद *अंदाज लगा ले कि रात्रि में गश्ती दल को आज तक पता नही चला* अब आप खुद अंदाज लगा ले की *ये रिश्ता क्या कहलाता है*

          सही बात यह है सरकार की नीतियाँ तो जन के फायदे के ही लिए है परंतु यह पता ही नही किस जन  आमजन,सेवकजन,या अन्य विशेष जन यह तो सरकार ही जाने आखिर हो भी क्यों न जब सरकार को पता है कि जनता तो सवाल पूछेगी ही नही।

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