आखिर बेतिया राज के प्रबंधक अपने सामने हुए अवैध निर्माण पर चुप क्यूँ है। हालाँकि इन्होंने सभी अंचलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि वो अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे जबकि खुद उनके पदभार ग्रहण के बाद ठीक उनके निवास के बगल में अवैध पक्का निर्माण हुआ परंतु उसपर उन्होंने चुप्पी साध ली
ऐसा माना जा रहा है कि वर्तमान प्रबंधक द्वारा भ्रष्टाचारियो को मौन सर्मथन प्राप्त है और यह पत्र सिर्फ दिखावे की कारवाई मात्र है। क्यूँकी बेतिया राज कार्यालय इन दिनों पूरी तरह भ्रष्टाचारियो के कब्जे में है और सूत्रों की बात का विश्वास करे तो इस कार्यालय के सहायकों द्वारा कई दस्तावेजों में हेरा फेरी के नाम पर काफी संपति अर्जित की है। हालाँकि यह जाँच का मामला है परंतु पिछले एक से दो महीने में जिस तरह अवैध निर्माण की गति मे तेजी आई है वह कहीं ना कहीं राज प्रबंधन में मिली जुली सरकार चलाने वालों को प्रबंधक की मौन सहमति प्रतीत होती है।