पटना का प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में लापरवाही को देखते हुये आगामी छह महीने तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय CGHS के पैनल से पारस हॉस्पिटल को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया है।
आपको बता दे कि पहले भी कई बार पारस अस्पताल में इलाज की लापरवाही की बातें सामने आयी है परंतु अस्पताल पर कोई बड़ी कारवाई नहीं हुई है। यहाँ तक कि यह अस्पताल फर्जी डॉक्टरों से भी इलाज कराने से परहेज नहीं करता दो साल पहले इस अस्पताल में फर्जी डाक्टर द्वारा तीन सालों तक मरीजों का इलाज करता रहा और जब इस बात का खुलासा हुआ तब अस्पताल प्रशासन द्वारा उसे हटाया गया।
अपने बड़े रसूख और पैसे की बदौलत ही शायद ईस अस्पताल पर अभी तक कोई बड़ी प्रशासनिक कारवाई नहीं हुई है। अब जब कारवाई भी की गई है तो सिर्फ सरकारी ख़र्चे पर इलाज करवाने वाले वालों पर रोक लगाई गई है जबकि निजी ख़र्चे पर पर इलाज कराने वाले लोगों के इलाज जारी रखने की छूट दी है। आखिर क्या वज़ह है कि सरकार ने ऐसा आवेश दिया है ।