कहने को बिहार मे नीतीश भाजपा की सरकार है और यह सरकार भ्रस्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कहती है लेकिन इसकी सच्चाई क्या है यह आपको आगे हम बतायेंगे।
वैसे तो यह महीना ही ट्रांसफर पोस्टिंग का महीना है और पूरे राज्य के हर विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग जोर शोर से जारी है परंतु स्वास्थ्य विभाग की एक पोस्टिंग ने भाजपा नीतीश सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल उठा दिया है।
जी हाँ ट्रांसफर पोस्टिंग के इस दौर मे 2 लाख रू की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार औषधि निरीक्षक को निलंबन तोड़कर अररिया में पुनः औषधि निरीक्षक के पद पर पोस्टिंग कर दी गई। आपको बता दें कि सीतामढ़ी के तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार को 2 लाख रू रिश्वत लेते निगरानी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा दो मेडिकल दुकानदारों से लाइसेंस का रिन्यूल करने के नाम पर रिश्वत की मांग की गई थी जिसके बाद 17 नवंबर 2022 को निगरानी ने जाल बिछा कर औषधि निरीक्षक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था ।
सरकार के इस फैसले ने एक चुटकुले की याद दिला दी
” एक अधिकारी से किसी ने मज़ाक में पूछा तुम अगर रिश्वत लेते हुए पकड़े गये तो क्या होगा उसने तपाक से जवाब दिया रिश्वत देकर छूट जाऊँगा “