किसानो को होने वाले नुकसान से बचाने के लिये नीतीश सरकार द्वारा उठाया गया बेह्तरीन कदम है आपको बता दे कि कुछ जिलों में तो नीलगायों के आतंक की वज़ह से किसान खेती करना छोड़ चुके है।
राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार और कृषि मंत्री मंगल पांडे की अध्यक्षता में हुई संयुक्त बैठक के दौरान राज्य में ‘घोड़परास’ नाम से मशहूर नीलगायों और जंगली सूअरों को मारने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया। इस कार्य के लिये पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के 13 पेशेवर शूटरो की मदद लेगी।
आपको बता दें कि बिहार के करीब 30 जिले घोड़परास और जंगली सूअरों के आतंक से प्रभावित हैं। जिसके मद्देनजर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुये पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा निर्देश जारी कर राज्य में ‘घोड़परास’ नाम से मशहूर नीलगायों और जंगली सूअरों को मारने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया।
इन पुशओं को मारने से लेकर दफनाने तक की पूरी प्रक्रिया में गांव के मुखिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। मुखिया ही इन दोनों प्रजातियों की पहचान करने और उन्हें मारने की अनुमति देने के लिए नोडल प्राधिकारी के रूप प्राधिकृत है। मुखिया पर्यावरण एवं वन विभाग तथा कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय कर अपने क्षेत्र के किसानों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर पेशेवर शूटर द्वारा नीलगाय तथा जंगली सूअर को मारने की अनुमति दे सकते हैं।