खाद की कालाबाजारी के रिकॉर्ड को तोड़ते हुये इस बार जिले मे किसानो को मक्का बीज भी 200 से 300रुपये किलो अतिरिक्त देकर खरीदने पड़े। कंपनी पदाधिकारी से जब इस सम्बन्ध मे बात की गई तो पता लगा की करीब 45000 किलो बीज की बिक्री जिला मे की गई है जब हमने उनके थोक विक्रेताओं द्वारा कालाबाजारी की जाने की बात कही तो उन्होंने इस सम्बन्ध मे संतोषजनक जबाब नहीं दिया।
क़ृषि पदाधिकारियों द्वारा पायोनियर कंपनी के मक्का बीजो की कालाबाजारी को रोकने के लिये नायाब कदम उठाया गया है अधिकारियो द्वारा कार्यालय कैम्पस मे रेट लिस्ट की प्रति लगा दी गई है जिससे जिले के सभी किसानो को निर्धारित दर पर बीज मिलना सुलभ हो जायेगा।
आपको बता दे जिले के किसानो को इस साल काफी महंगे दरो पर पायोनियर कंपनी के बीजो को खरीदना पड़ा और क़ृषि विभाग द्के अधिकारी इस मुद्दे पर आँखो मे दूर का चश्मा लगाकर सोये रहे। जब इस सम्बन्ध मे छिटपुट खबरे मीडिया मे आनी शुरू हुई तो विभाग द्वारा किसानो के हितो का ख़्याल रखते हुये अपने कार्यालय मे एक दर तालिका लगाकर किसानो को इन लुटेरों से बचाने का असफल प्रयास किया है। इनका यह प्रयास कहीं ना कही इस लूट को मचाने वालो पर बड़ी कार्यवाही नहीं करकर कागजी रूप से इति श्री कर लिया गया है।
और इस सम्बन्ध मे किसी भी व्यापारी या कहे किसानो को लूटने वालो पर कोई ठोस कार्यवाही ना कर अपनी किस मानसिकता का परिचय दिया गया है। मीडिया मे खबरों के बाद जब जाँच की गई तो कंपनी के बड़े विक्रेताओं को इसमे संलिप्तता की पुष्टि हुई परन्तु क्या होगा किसानो को जब अधिकारी ही किसानो के हित मे सोचते नहीं है।