जिले मे सांसद से लेकर विधायक तक भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है और ऐसा माना जाता है कि भाजपा की सरकार में हिंदुत्व को बढ़ावा मिलता है। परन्तु बेतिया मे लगातार धार्मिक आस्था से खिलवाड़ होता है और कोई भी जनप्रतिनिधि इस पर आवाज नहीं उठाता।
परन्तु लम्बे समय बाद विश्व हिन्दू परिषद का एक शिष्टमंडल ने बेतिया सदर अनुमंडल पदाधिकारी, महापौर और उपमहापौर से मिलकर इस सम्बन्ध मे एक ज्ञापन सौपा जिसमे नगर निगम क्षेत्र में खुले में पशु पक्षियों के मांस बिक्री पर अविलंब रोक लगाने का मांग कि गई है। देखना यह है की इनका यह ज्ञापन इस व्यवस्था मे कोई सुधार ला पाता है या नहीं।
जैसा की वर्षों से विहिप तथा आर्य समाज के द्वारा खुले में मांस बिक्री पर रोक लगाने की मांग की जाती रही है। लेकिन बेतिया नगर निगम प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाता है।
नगर निगम के अधिकारियों का हाल यह है कि उनके पास इस संबंध में ना तो कोई नीति है और ना ही कोई कार्य करने की उचित शैली। मजबूरन लोगों को रोड और नाली किनारे खुले में बिक रहे मांस को खाने पर लोग विवश होना पड़ता है जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आज तक नगर निगम के अधिकारी मांस की बिक्री करने वालो को कोई लाइसेंस भी प्रदान नहीं कर सके है।
पहले बेतिया नगर निगम क्षेत्र में जो मांस का बिक्री होता था। वह एक निश्चित स्थान पर वेटरनरी डॉक्टर के जांच के बाद मांस बिक्री की अनुमति प्रमाणिकता के साथ दिया जाता था।लेकिन सिस्टम की लाचारी कहें या अधिकारियो की नजरअंदाजी लेकिन नुकसान नगर की जनता को उठाना पड़ रहा है।
ज्ञापन देने के बाद शिष्टमंडल मे विहिप के दीपक वर्मा, नीरज सोनी, राजेश गुप्ता, रमन गुप्ता, कुलदीप ने संयुक्त रूप से कहा कि बेतिया नगर निगम चाहती तो अब तक मांस बेचने वाले सुरक्षित स्थान पर लाइसेंस लेकर मांस की बिक्री करते। लेकिन निगम की कोई पहल नही होने से चौक चौराहों से लेकर नाली किनारे, तालाब किनारे, गली, मुहल्ला हाट,बाजार इसे अछूता नहीं रहा।