साठी को प्रखंड का दर्जा देने की आवाज सदन में उठा कर रश्मि वर्मा ने अपनी सवेदनशीलता का परिचय दिया
सुनील दुबे की कलम से
बिहार मे विकास का दौर भले ही चल रहा हैं, विकास के प्रति सजगता का भले ही सरकार ढिढोरा पीट रही हैं, लेकिन अपेक्षा के अनुकूल विकास की गति नहीं हैं। सरकार के द्वारा बहुतेरे घोषणाएं की गई, अश्वासन दिए गए लेकिन सरकार उनके प्रति सजग और सचेस्ट नहीं हैं। इस कड़ी में कई नजीर हैं, जिनमें एक पश्चिम चम्पारण का साठी थानाक्षेत्र हैं, जिसे प्रखंड बनाने के लिए जन अनुरोध पर खुद से मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने 2009 में आश्वासन दिया था। वह भी राजधानी पटना में किसी डेलिगेट को यह आश्वासन नहीं दिया था, बल्कि पश्चिम चम्पारण के दौरे पर वे आये हुए थे और उसी क्रम में जनप्रतिनिधियों के साथ जनता की बहुत बड़ी समूह ने अपनी परेशानियों से उन्हें अवगत कराते हुए बतया था, कि एक बहुत बड़ा क्षेत्र राजस्व व विकास कार्यों को लेकर जनता परेशान हैं। साठी क्षेत्र में बहुतेरे गांव लौरिया, चनपटिया एवं नरकटियागंज प्रखंड से जुड़े हैं। इन गावों से उन प्रखंडों की दुरी काफी ज्यादा हैं। जिससे आम जन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। जन समूह ने अपनी ब्यथा ब्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि जन हित में साठी थाना क्षेत्र को प्रखंड बना दिया जाय और दुरी के हिसाब से चनपटिया, लौरिया एवं नरकटियागंज के प्रखंडो में पड़ने वाले वैसे गावों को निकालकर साठी प्रखंड का सृजन कर दिया जाय। बड़े ही गौर से नीतीश कुमार ने उन लोगों की बातों को सुनने के बाद उन्होंने जन समुदाय को भरोसा दिलाया कि उनकी मांग जायज हैं, साठी को प्रखंड बनाया जायेगा। उनके इस अस्वासन पर उपस्थित जनसमुदाय निहाल हो उठी, मुख्यमंत्री के जयघोस से वातावरण गूंजयमान हो उठा। लेकिन डेढ़ दशक गुजरने के बाद भी यहां की जनता आशा भरी नजरों से ताकती रही लेकिन अबतक साठी प्रखंड नहीं बन सका और जनप्रतिनिधि भी उदासीन ही रहे।
वर्तमान विधानसभा सत्र में साठी को प्रखंड बनाने के लिए नरकटियागंज की विधायक रश्मि वर्मा ने प्रश्न उठा कर सराहनीय कार्य ही नहीं किया बल्कि परेशान जनता के प्रति अपनी संवेनशीलता का भी परिचय दिया हैं। सदन के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि उन्होंने जनता को अश्वासन दिया था। रश्मि वर्मा ने सदन के मध्यम से स्मरण कराते हुए साठी को प्रखंड बनाने की मांग की।