इस साल पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया समेत शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा यूरिया की बिक्री हुई है। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में यूरिया की बिक्री की गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को जांच की जिम्मेवारी सौंपी थी।
जिसकी आलोक में कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल के आदेश पर रविवार को चार सदस्यों टीम बेतिया पहुंची। टीम का नेतृत्व भूमि संरक्षण विभाग के डायरेक्टर सुदामा महतो कर रहे थे। जांच टीम के पहुंचते ही कृषि अधिकारियों के साथ-साथ थोक विक्रेताओं में हड़कंप मच गई। हर कोई डैमेज कंट्रोल को मैनेज करने में लग गए।
हालांकि पहले ही अच्छादन से 20 फीसदी अधिक पश्चिम चंपारण जिले में अधिक यूरिया की बिक्री हुई थी जिसकी जांच अभी चल ही रही है। इधर शहरी क्षेत्र में अधिक यूरिया बिक्री किए जाने के मामले को सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। विभाग का मानना है कि खेतों के बजाय तस्करी और अन्य क्षेत्र में भी यूरिया का उपयोग हो रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर कृषि अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। जबकी सूत्रों की विश्वास करें तो पशु आहार बनाने वाली कंपनियों द्वारा भी यूरिया की खपत की जा रही है जो जाँच का विषय है।