सरकार ने माना की बालू के अवैध खनन में कुछ पुलिस अधिकारी शामिल

नीतीश सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए 18 पुलिस पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन की इस लिस्ट में चार इंस्पेक्टर और 14 दारोगा का नाम शामिल है।

अवैध बालू खनन के प्रति सरकार के हाथ अपने कई बड़े अधिकारियों की काली कमाई का सबूत लग गया है. बालू के अवैध खनन मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है कारवाई करते हुए सरकार ने सभी को निलंबित करते हुए इन सभी पर विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है. सरकार के इस सख्त कदम के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
बालू खनन मामले में दो एसपी और चार डीएसपी को पहले निलंबित कर चुकी बिहार सरकार ने दर्जन भर पुलिस अफसरों के ऊपर कार्रवाई की है. . इनमें 10 थानाध्यक्ष भी शामिल हैं.
पुलिस मुख्यालय ने जिन इंस्पेक्टर और दारोगा को सस्पेंड किया है, वे पहले पटना, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद और रोहतास जिलों के थानों में पोस्टेड थे. आर्थिक अपराध इकाई की जांच में बालू के अवैध खनन में संदिग्ध भूमिका मिलने पर उन सभी का 10 जुलाई को जोन से बाहर तबादला किया गया था. इन सभी को कोसी, मिथिला, चंपारण, बेगूसराय, पूर्णिया आदि रेंज के थानों में भेज दिया गया था. जिन चार निरीक्षकों को निलंबित किया गया है, उनमें अरविंद कुमार गौतम, दयानंद सिंह, सुनील कुमार और अवधेश कुमार झा का नाम शामिल है.

निलंबित किये गए 14 दारोगा की बात करें तो इनमें संजय प्रसाद, रहमतुल्लाह, बिजेंद्र प्रताप सिंह, कृपाशंकर साह, कुंवर प्रसाद गुप्ता, दीप नारायण सिंह, आनंद कुमार सिंह, सतीश कुमार सिंह, पंकज कुमार, राजेश कुमार चौधरी, दिनेश कुमार दास, राज कुमार, अशोक कुमार और राम कुमार राम का नाम शामिल है.

पटना पुलिस हेडक्वार्टर की ओर से जिन पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की गई है. इनमें से 10 तत्कालीन थानाध्यक्ष हैं. पटना जिले के बिहटा, पालीगंज और रानीगंज थानेदार भी शामिल हैं. इसके अलावा भोजपुर के चार, औरंगाबाद के दो और सारण के एक तत्कालीन थानाध्यक्ष निलंबित हुए हैं.
गौरतलब हो कि सरकार ने अवैध बालू खनन मामले में एक ही दिन पहले सबसे बड़ी कार्रवाई की थी और सरकार ने आरा के तत्कालीन एसपी राकेश कुमार दूबे औऱ औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरीका को निलंबित कर दिया था. चार डीएसपी भी निलंबित हुए थे, उनमें पालीगंज के तत्कालीन डीएसपी तनवीर अहमद, आरा के तत्कालीन डीएसपी पंकज कुमार रावत, औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार औऱ डिहरी के तत्कालीन एसडीपीओ संजय कुमार शामिल थे. सरकार ने कुल 18 अधिकारियों को निलंबित किया था.
राज्य सरकार ने इन सभी अधिकारियों को प्राथमिकी जांच में दोषी पाने के बाद इसी महीने 14 जुलाई को पद से हटा दिया था. उन्हें वापस पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया था. ईओयू की प्रारंभिक जांच में इन तमाम अधिकारियों को अवैध बालू खनन का दोषी पाया गया था।।

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