वायरल वीडियो हालांकि अंधेरे में बनाया गया है लेकिन ……… हॉस्पिटल से ही जुड़े प्रतीत हो है खून के काले व्यापार के तार वीडियो में दिख रहा व्यक्ति अभिषेक कुमार हमे इसी अस्पताल में घूमता मिला हालांकि यह अस्पताल खुद बिना निबंधित नही है और अक्सर सुर्खियों में रहता हैं कुछ दिन पूर्व ही अपने ही एक महिला कर्मी के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में भी चर्चा में आया था।
वर्तमान मामला खून के काले व्यापार से जुड़ा है जैसे ही हमे यह वीडियो मिला हमने पड़ताल शुरू कर दी जॉच में ये जब पता चला की यह वीडियो रामनगर का है तो हमने अपने अन्य सहयोगी पत्रकार के साथ रामनगर के अस्पतालों में घूमना शुरू किया तो फोटो में दिखने वाला शख्स हमे दिखाई दिया जो की …….. हॉस्पिटल में कार्य कर रहा था जब हमने उससे बात करने की कोशिश की तो उसने कहा की आप डॉक्टर साहब से बात कर लें
डॉक्टर से इस बारे में बात की तो उन्होंने स्वीकारा वीडियो में दिख रहा व्यक्ति अभिषेक कुमार उन्हीं के हॉस्पिटल का स्टाफ है। जब इस वीडियो के बारे में उनसे बात की गई तो डॉक्टर साहब ने वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को मारने पीटने की धमकी दी और कहा उसकी चमड़ी कटवा लेंगे और उस चमड़ी का जूता बनाएंगे। विगत 11 सालों से यह हॉस्पिटल बिना निबंधन के चल रहा है आज तक सिविल सर्जन जैसे अधिकारी भी यहां नही बोलते।करीब करी हम ४ घंटे तक वहां रहे तीन बार डॉक्टर से मुलाकात की हमे वो अपने अस्पताल का भ्रमण करवा दे परंतु हर बार उन्होंने हमे मना कर दिया जिसके कारण हम उस जगह का पता लगाने में असमर्थ रहे की आखिर वो वीडियो अस्पताल के किस हिस्से में बना है।
आपको यह बता दे की एक बड़ी बात यह भी है की इसी अस्पताल में योगापट्टी पीएचसी के प्रभारी समेत अन्य सरकारी डॉक्टर इसी हॉस्पिटल में अपनी सेवा दे रहे है कार्यरत हैं उनका नाम डॉक्टर अमितेश रंजन श्रीवास्तव और डॉक्टर रहीम हैं। इस वीडियो में संदिग्ध व्यक्ति दो यूनिट ब्लड के बदले ₹12000 से 25000 तक की मांग करते हुए नजर आ रहे हैं।
इस संबंध में हमने जब योगापट्टी अस्पताल के प्रभारी से मिलने गए तो उनकी हमसे मुलाकात नही हुई और ना ही उन्होंने हमारे फोन का जबाब दिया।
उसके बाद हमने जिला के सिविल सर्जन से मिल कर उन्हे सारी जानकारी उपलब्ध कराई ताकि वीडियो की सच्चाई का पता लगाया जा सके उन्होंने हमे जॉच का आश्वासन दिया । अब आगे देखना यह होगा कि सिविल सर्जन की जांच में क्या सच्चाई निकल कर सामने आती है। जब तक जांच पूर्ण नही हो जाती तब तक हम अस्पताल का नाम नहीं बता सकते परंतु जल्द ही सिविल सर्जन की जॉच के बाद सच्चाई का खुलासा होगा आखिर वो अस्पताल कौन है