अगर मुझे चांदी की खनक सुनाई दे तो सही ।
मैं अपना क्या? सारे जमाने का ईमान बेच दूँगा ।।
बेतिया राज के अधिकारियों को बेतिया राज घराने के रक्षक के रूप मे नियुक्त किया गया है परन्तु कानून की कमियों का फायदा उठाकर अधिकारी आम लोगों को लूटने की आजादी देते है। हालांकि अधिकारियों की ईमानदारी पर शक नहीं किया जा सकता लेकीन वर्तमान मे जो घटना सामने आयी है उसका किस्सा यह है कि जिस जमीन पर निर्माण कराया जा रहा है वह आवासीय लीज पर है हालांकि यह लीज संदिग्ध है ।
अधिकारियों की कृपा का आलम यह है की इस जमीन को अस्पताल के रूप मे व्यावसायिक प्रयोग किया जाता रहा है चूँकि अधिकारी ईमानदार है, इसी लिये आवंटित क्षेत्र से कई गुणा बड़े क्षेत्र पर पक्का निर्माण कर लिया गया और अधिकारियों को दिखाई नहीं दिया।
आश्चर्यजनक बात तो यह रही की इसी अवैध निर्माण पर दो मंजिला निर्माण शुरू हो गया और अधिकारियों को पता भी नहीं चला, हालांकि जानकारी के अनुसार पटना से खबर आने के बाद ASDM अनिल कुमार के द्वारा कार्यस्थल पर जाकर कार्य रोकने का आदेश दिया।
इस सम्बंध मे जब प्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने FIR करने की बात कही परंतु सूचना के 24 घंटे बाद भी एफ आई आर का ना होना कहीं ना कहीं अधिकारियों का अतिक्रमण करने वालों की तरफ उनके झुकाव को प्रदर्शित करता है।