हरसिद्धि ब्लॉक के दरवाजे पर आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या की मामले में लंबे समय बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन से इंसाफ की उम्मीद छूट जाने पर विपिन अग्रवाल के पुत्र ने आत्महत्या कर ली लंबे समय से अपराधियों के गिरफ्तारी की मांग उठ रही थी परंतु जिला प्रशासन आरोपियों को खुला घूमने की पूरी छूट दे रखी मृतक रोहित ने इस सम्बंध मे मोतिहारी के एसपी से मिलने की कोशिश की परंतु शायद पुलिस कप्तान ने मुलाकात नहीं की जिसके बाद स्वर्गीय अग्रवाल के पुत्र रोहित ने यह कदम उठाया
इस हादसे के बाद ऐसा प्रतीत होता है कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहराई में पहुंच चुकी है की इमानदारी के खिलाफ लड़ने वाले का विरोध अपराधी तो करते ही हैं साथ में जिला प्रशासन भी उन्हीं अपराधियों का संरक्षणकर्त्ता हैं और ईमानदारी की लड़ाई लड़ने वालों का साथ अधिकारी नहीं देते