नौतन के रविकांत मामले में न्यायालय द्वारा शो कॉज के बाद वरीय अधिकारी करेंगे कार्यवाही

महिला थाने के पदस्थापित दरोगा सुधा कुमारी की लापरवाही के कारण हुई रविकांत पर प्राथमिकी मामले मे जाँच मे लापरवाही के कारण न्यायालय ने मुकदमे के अनुसंधान कर रही सुधा कुमारी के ऊपर शो कॉज किया है क्या इतनी बड़ी लापरवाही के पीछे क्या मंशा थी कहीं ऐसा तो नहीं की रविकांत के पिता ने जो आरोप लगाये हैं उस खेल मे जाँच अधिकारी भी तो शामिल नहीं है

बेतिया नगर के महिला थाने की दरोगा सुधा कुमारी के लापरवाही के कारण नौतन क्षेत्र गहरी कोठी के रविकांत कुशवाहा पर एक सोची समझी राजनीतिक षड्यंत्र के तहत महिला थाने में एक प्राथमिकी दर्ज होती है जिसकी कांड संख्या 32/21 है जिसमें सपना देवी उर्फ खुशबू कुमारी उम्र 23 वर्ष पति मुन्ना गिरी द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि रविकांत उसका शारीरिक शोषण कई वर्षों से कर रहा है तथा वह उसकी पत्नी है परंतु जब इसकी जांच सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा इस केस की जांच की जाती हैं तो जांच में पाया जाता है की रविकांत से खुशबू की कोई शादी नहीं हुई है, इतना ही नहीं खुशबू द्वारा प्राथमिकी में यह भी बताया जाता है की खुशबू के पिता मर गए है, जबकि पीड़िता के पिता जांच में जीवित पाए जाते है अब पुलिस अपने झूठ को छुपाने के लिए खुशबू को नाबालिक बताती है, तथा रविकांत के ऊपर पास्को एक्ट धारा के तहत मुकदमा दर्ज करती है ,जब की पीड़िता खुशबू कुमारी के आधार कार्ड में 23 वर्ष तथा पेन कार्ड में 23 वर्ष उम्र अंकित है इस सच को छुपाने के लिए इसकी अनुसंधान कर रही दरोगा सुधा कुमारी खुशबू का प्राथमिक विद्यालय का उम्र सत्यापन का नाबालिक सर्टिफिकेट न्यायालय को समर्पित करती हैं एक तरफ जहां खुशबू के साथ हुई रेप की मेडिकल जांच अनुसंधान कर रही सुधा कुमारी द्वारा मांगे जाने पर मेडिकल रिपोर्ट जांच होने पर शारीरिक संबंध होने के सारे दावे रिपोर्ट में गलत पाया जाता है और शारीरिक संबंध का दावा झूठा साबित होता है ,अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार जब प्राथमिक विद्यालय की सर्टिफिकेट में खुशबू नाबालिक है, तो आधार कार्ड और पैन कार्ड एवं मतदाता सूची तथा मतदान पहचान पत्र में बालिक कैसे हो गए, उसे कैसे मतदान करने का हक मिल गया, सबसे तारीफ की बात इस वर्ष पंचायत चुनाव में भी खुशबू ने मतदान किया है वही आधार कार्ड और पैन कार्ड किस कागज के सहारे बना जब पीड़िता के पिता जीवित है तो पीड़िता ने उन्हें मृत क्यों बताया, वही रविकांत के पिता पुणे देव प्रसाद ने बताया कि उनके धन संपदा में अपना हक जमाने के लिए खुशबू और उसकी बुआ तथा एक हारे हुए पूर्व मुखिया प्रत्याशी ने सोच समझकर एक राजनीति साजिश के तहत यह सारा खेल खेला है, जिसका ऑडियो रिकॉर्डिंग खुशबू के द्वारा इन सभी से बात करते हुए मौजूद है, इतना ही नहीं रविकांत के धन संपदा में से हक हासिल करने के लिए अन्य कई लोग भी खुशबू के इस खेल में शामिल है जिसकी जांच करना महिला थाना के दरोगा सुधा कुमारी द्वारा उचित नहीं समझा गया, और एक महिला जानकर खुशबू की बातों में आकर रविकांत के ऊपर झूठी प्राथमिकी दर्ज करा दी गई, वही रविकांत के अधिवक्ता ने बताया कि इस प्रकार की की गई लापरवाही के कारण न्यायालय ने मुकदमे के अनुसंधान कर रही सुधा कुमारी के ऊपर शो कॉज भी किया है, फिर भी न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए अभी तक अनुसंधानकर्ता द्वारा न्यायालय को अस्पष्ट जवाब भी नहीं दिया गया, इन सभी तथ्यों से यह बात साफ झलकता है कि इस प्रकार कानून के साथ खिलवाड़ करने वाली अनुसंधानकर्ता के ऊपर न्यायालय का गाज गिरना चाहिए ,क्योंकि न्यायालय तो सर्वोपरि होता है अब देखना है कि क्या वरीय पुलिस पदाधिकारी लापरवाही करने वाले अनुसंधानकर्ता के ऊपर क्या कार्रवाई करते हैं और रविकांत को न्याय मिल पता है कि नहीं

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