जन सुराज’ लोगों को ढूंढने का अभियान नहीं, साथ चलने वाले लोगों का अभियान-प्रशांत किशोर

जन सुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने स्थानीय होटल जमुना इन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपने उद्देश्य के बारे में बताया इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ किसी दल का निर्माण करना नहीं बल्कि विकास के लिए इमानदारी पूर्वक समर्पित वैसे लोगों का समूह तैयार करना है जो बिहार के विकास के लिए कार्य करना चाहते हैं उन्होंने कहा कि पदयात्रा शुरू करने से पहले प्रदेश के हर कोने के लोगों से मिलकर उसे संबाद करना चाहते हैं उन्होंने कहा की बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए अपने जीवन के जितने भी साल इसमें लगेंगे वह बिना संकोच लिए उतना समय लगाएंगे। जिन्हें हमारी मंशा पर शक है उनकी स्पष्टता के लिए बता दें कि जब तक बिहार में इस काम को पूरा नहीं कर लेते हम कहीं जाने वाले नहीं हैं, हम थकने वाले नहीं हैं। हमारा लक्ष्य बिहार का संपूर्ण विकास है और इस लक्ष्य को पाने के लिए हम हर संघर्ष करने की लिए तैयार हैं

अपनी भविष्य की रणनीति के बारे मे कहा की वह आगामी 2 अक्तूबर से गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू करेंगे। इस पदयात्रा के माध्यम से वो बिहार के हर गली-गांव, शहर-कस्बों के लोगों से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे। उनसे समझेंगे कि कैसे बिहार को बेहतर बनाया जा सकता है। पदयात्रा में जब तक पूरा बिहार पैदल न चल लें तब तक वापस पटना नहीं जाएंगे, समाज में रहेंगे, समाज को समझने का प्रयास करेंगे। इसका एक ही मकसद है कि समाज को मथ कर सही लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना।

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